आज हम एक ऐसे मुद्दे पर चर्चा करने वाले हैं, जो पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन में यूरोपीय सेना की तैनाती को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप यूक्रेन में अपनी सेना भेजता है, तो यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो सकती है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
ट्रम्प का बयान: यूक्रेन में यूरोपीय सेना का विरोध
डोनाल्ड ट्रम्प, जो लंबे समय से रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने की वकालत कर रहे हैं, ने अब साफ शब्दों में कहा है कि अमेरिका यूक्रेन की मदद नहीं करेगा। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कोई तीसरा देश यूक्रेन की मदद करता है, तो यह विश्व युद्ध को जन्म दे सकता है। ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय आया है, जब यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और रूस के बीच सऊदी अरब में बैठक हुई है।
यूक्रेन में नए चुनाव की मांग
ट्रम्प ने यूक्रेन में नए सिरे से चुनाव कराने की भी मांग की है। उनका कहना है कि युद्धविराम से पहले यूक्रेन में चुनाव होने चाहिए। इसका मतलब यह है कि वर्तमान राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेंस्की की जगह एक नए नेता का चुनाव किया जा सकता है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि यूक्रेन के नेतृत्व ने इस युद्ध को लंबा खींच दिया, जो कभी होना ही नहीं चाहिए था।
रूस और अमेरिका की बैठक: क्या हुआ समझौता?
अमेरिका और रूस के शीर्ष राजनयिकों ने सऊदी अरब के रियाद में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत की। करीब पांच घंटे तक चली इस बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्री मौजूद रहे। बैठक के बाद दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि अंतिम शांति समझौते से पहले यूक्रेन में चुनाव कराए जाने चाहिए। इससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि ज़ेलेंस्की को हटाकर रूस समर्थक नेतृत्व को सत्ता में लाया जा सकता है।
ज़ेलेंस्की की प्रतिक्रिया: क्या कहा उन्होंने?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेंस्की ने इस बैठक में यूक्रेन को शामिल न किए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि जिस समझौते में यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया, उसे वे मान्यता नहीं देंगे। साथ ही, ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन में शांति सेना के तहत एक लाख सैनिकों की तैनाती की मांग की है।
ट्रम्प की रणनीति: क्या है उनका मकसद?
ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में भी चीन को सबक सिखाया था। इस बार भी उन्होंने यूक्रेन पर दबाव बनाने की कोशिश की। जब ज़ेलेंस्की ने उनकी बात को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश की, तो ट्रम्प ने सीधे तौर पर विश्व युद्ध की धमकी दे डाली। उन्होंने कहा कि यूक्रेन किसी दिन रूस का हिस्सा बन सकता है। साथ ही, उन्होंने यूक्रेन को दी गई सहायता के बदले दुर्लभ खनिजों की मांग की है।
क्या होगा यूक्रेन का भविष्य?
यूक्रेन के सामने अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि वैश्विक सहायता के बिना वह रूस के सामने कब तक टिक पाएगा। ट्रम्प के बयान से रूस को खुशी हुई है, क्योंकि यह संकेत देता है कि अमेरिका यूक्रेन के भविष्य को लेकर रूस के दृष्टिकोण के प्रति सहानुभूति रखता है। हालांकि, ज़ेलेंस्की अपनी जिद पर अड़े हुए हैं और वे किसी भी कीमत पर यूक्रेन की संप्रभुता को बचाने के लिए तैयार हैं।
क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर है?
ट्रम्प के बयान ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। उनकी धमकी और रूस-अमेरिका के बीच हुई बैठक से यह साफ है कि यूक्रेन युद्ध का समाधान जल्द ही निकालना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह संघर्ष और बढ़ सकता है, जिससे तीसरे विश्व युद्ध का खतरा पैदा हो सकता है। दुनिया को उम्मीद है कि शांति समझौते के जरिए इस संकट का हल निकाला जाएगा।