दिल्ली-नोएडा में रहने वाले ट्रैफिक जाम से अक्सर परेशान रहते हैं. जब भी, जहां भी निकलो जाम पहले से रास्ते में इंतजार कर रहा होता है. हालांकि, ग्रेटर नोएडा के लोगों की यह परेशानी जल्द ही कुछ कम हो सकती है. दरअसल, उत्तर प्रदेश ब्रिज कॉरपोरेशन द्वारा 18.36 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक नया फ्लाईओवर बनाया जा रहा है. यह फ्लाईओवर उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) औद्योगिक साइट 5 और सावित्रीबाई फुले गर्ल्स इंटर कॉलेज के बीच है. फ्लाईओवर 400 मीटर लंबा है और सड़क निर्माण का काम अभी भी जारी है, जिसकी शुरुआत दिसंबर 2023 में हुई थी.
इन इलाकों को मिलेगा लाभ
यह तीन लेन वाला फ्लाईओवर ग्रेटर नोएडा के कासना औद्योगिक क्षेत्र, परी चौक और आसपास के औद्योगिक केंद्रों में यातायात को काफी हद तक कम कर देगा. ट्रैफिक का मुख्य कारण यहां से गुजरने वाले ट्रक जैसे बड़े वाहन हैं. यूपीएसआईडीए के प्रधान महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने बताया कि इसकी अनुमानित लागत 18.36 करोड़ रुपये है. इस तीन-लेन फ्लाईओवर का उद्देश्य परी चौक और कासना के भीड़भाड़ वाले इलाकों के आसपास ट्रैफिक को कम करना है.
बड़े वाहनों का बदलेगा मार्ग
यूपीएसआईडीए के निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क (ईओपीआई) साइट 5 में कई फ्लैटेड कारखाने और औद्योगिक इकाइयां हैं. कच्चा माल लाने-ले जाने वाले बड़े वाहनों को फ्लाईओवर के निर्माण के बाद रीडायरेक्ट किया जाएगा. अब तक, ऐसे वाहन कासना मार्ग का उपयोग करते रहे हैं. फ्लाईओवर का निर्माण पूरा होने से सड़कों पर निजी वाहनों की आवाजाही को आसान बनाने में मदद मिलेगी, जिससे ट्रैफिक कम हो सकेगा.
कनेक्टिविटी बढ़ेगी
अधिकारियों के अनुसार, फ्लाईओवर का निर्माण कार्य मार्च 2025 तक पूरा होना था, लेकिन अभी भी निर्माण जारी है और इसके जल्द पूरा होने की उम्मीद है. इसके उद्घाटन के बाद ग्रेटर नोएडा के कासना और परी चौक में ट्रैफिक जाम और वाहनों का दबाव कम हो जाएगा. वाहन सीधे गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी (GBU) के माध्यम से नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर जा सकेंगे. इस फ्लाईओवर के निर्माण से ग्रामीण और स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा, क्योंकि इससे कई गांवों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी.