ट्रैवल इंडस्ट्री लगातार बड़ी होती जा रही है, क्योंकि लोगों ने अब घूमने-फिरने पर ज्यादा पैसा खर्चा करना शुरू कर दिया है. खासकर, कोरोना के बाद से लोग ट्रैवल पर पहले की तुलना में ज्यादा फोकस करने लगे हैं. इस बढ़ती इंडस्ट्री में स्कैम भी बढ़ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रैवल इंडस्ट्री में धोखाधड़ी के मामले बीते कुछ समय में तेजी से बढ़े हैं. 2024 में गर्मियों के पीक सीजन में ट्रैवल स्कैम में 18% और सर्दियों के पीक सीजन में 28% का उछाल देखने को मिला था.
ऐसे स्कैम सबसे आम
मास्टरकार्ड इकोनॉमिक्स इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट से पता चलता है कि ट्रैवल एजेंसी और टूर कंपनी बुकिंग से संबंधित धोखाधड़ी अन्य इंडस्ट्री के मुकाबले करीब चार गुना अधिक है. पेमेंट के बाद टूर ऑपरेटर का गायब हो जाना या फिर वादे के अनुसार सुविधाएं प्रदान न करना सबसे आम है. मास्टरकार्ड इकोनॉमिक्स इंस्टीट्यूट के एशिया-प्रशांत प्रभाग के मुख्य अर्थशास्त्री डेविड मान का कहना है कि अलग-अलग शहरों में स्कैम भी अलग-अलग तरह के होते हैं. कहीं ट्रैवल और टूर कंपनी की तरफ से बहुत ज़्यादा धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं, तो कहीं फूड सर्विस से जुड़े स्कैम होते हैं. उदाहरण के तौर पर अमेरिका के लॉस एंजिल्स में फूड स्कैम ज्यादा देखने को मिलते हैं.

यहां सबसे ज्यादा शिकायतें
मास्टरकार्ड के आंकड़ों के अनुसार, पर्यटकों ने कैनकन (मेक्सिको), हनोई (वियतनाम), ढाका (बांग्लादेश) और बैंकॉक (थाईलैंड) में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी की शिकायत की है. जबकि सैन फ्रांसिस्को – यू.एस., डबलिन – आयरलैंड, सियोल- दक्षिण कोरिया, बुडापेस्ट- चेक गणराज्य, एडिनबर्ग- स्कॉटलैंड जैसे शहरों में टूरिस्ट का इस तरह के फ्रॉड से सामना सबसे कम हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि शहरों में सामान्यतः रिपोर्ट किए जाने वाले घोटालों के प्रकार भी भिन्न-भिन्न हैं. हांगकांग और बार्सिलोना में टैक्सी और कार रेंटल से संबंधित धोखाधड़ी के मामले केवल 2% हैं, लेकिन इंडोनेशिया के जकार्ता में यह 66%.
भारत में 64% मामले
ट्रैवल एजेंसी और टूर ऑपरेटर से जुड़े घोटाले हांगकांग में सबसे ज्यादा 70% हैं. इसके बाद दूसरा नंबर भारत की राजधानी दिल्ली का है, यहां ऐसे स्कैम का प्रतिशत 64 है. वहीं, फूड सर्विस से जुड़ी धोखाधड़ी अमेरिका और मिडिल ईस्ट सबसे आगे हैं. न्यूयॉर्क शहर में ऐसे 63% मामले रिपोर्ट किए गए हैं. इसमें ऐसे रेस्टोरेंट शामिल हैं, जो भोजन के लिए अधिक पैसे लेते हैं, अनधिकृत टिप मांगते हैं या यात्रियों के क्रेडिट कार्ड का विवरण भी चुराते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, पीक सीजन के अलावा, बुकिंग स्टेज के दौरान ट्रैवल फ्रॉड भी बढ़ रहे हैं. पिछले साल ऐसे मामलों में 12% से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई.