
Bihar News: राजनीति की बिसात पर एक बार फिर तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की वापसी की पटकथा लिखी जा रही है और इस बार पर्दे के पीछे से यह नाटक निर्देशित कर रहे हैं खुद लालू परिवार के पुराने सेनापति और RJD सांसद सुधाकर सिंह, जो कभी तेज प्रताप के विरोधी माने जाते थे, लेकिन अब संकटमोचक बनकर उभरे हैं।
कौन हैं सुधाकर सिंह?
बक्सर से सांसद और RJD प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह अचानक रनर की भूमिका में सामने आए हैं, जैसे किसी घायल योद्धा को फिर से रणभूमि में उतारने की तैयारी हो रही हो। यह वही जगदानंद सिंह हैं, जिनके लिए तेज प्रताप कभी आकाश यादव से भिड़ गए थे, और आकाश ही वो नाम है, जिसकी बहन अनुष्का के साथ तेज प्रताप की तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं। एक वक्त था जब लालू यादव (Lalu Yadav) ने खुद अपने बेटे को पार्टी और परिवार से बाहर निकालने का एलान कर राजनीति के गलियारों में हलचल मचा दी थी, तेज प्रताप पर प्रेम-संबंधों और निजी जिंदगी को लेकर इतना दबाव था कि पार्टी को बदनामी की आंधी झेलनी पड़ी थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो, तस्वीरें, और फिर कथित शादी की खबरों ने मानो पार्टी की साख को झकझोर दिया। लेकिन अब, उसी तेज प्रताप की घरवापसी की जमीन तैयार की जा रही है, और इसके केंद्र में हैं सुधाकर सिंह, जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि शादी करना गुनाह नहीं है, यह तेज प्रताप का निजी मामला है, और लालू यादव को चाहिए कि वे अपने बेटे के फैसलों को स्वीकार करें ताकि परिवार में शांति बनी रहे। यह बयान सिर्फ एक समर्थन नहीं, बल्कि संकेत है उस प्लान का जो RJD के भीतर खामोशी से आकार ले रहा है। एक ऐसा प्लान जो तेज प्रताप को चुनाव से पहले फिर से पार्टी में शामिल करने की पृष्ठभूमि बना रहा है।
RJD में होगी तेज प्रताप यादव की वापसी?
सुधाकर सिंह, जिन्होंने पहले नीतीश कुमार की सरकार में रहते हुए ही बगावत का झंडा बुलंद कर दिया था, अब लालू परिवार के भीतर भी बदलाव की मशाल थामे हुए दिख रहे हैं। तेज प्रताप, जो कभी समस्तीपुर के हसनपुर सीट से विधायक बने थे, अब एक बार फिर सक्रिय राजनीति में लौटने को तैयार दिख रहे हैं। बस मुहर लगनी बाकी है। लालू यादव, जिन्होंने एक पिता और पार्टी अध्यक्ष होने के नाते बेटे को 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखाया था, अब शायद उसी दिल पर पत्थर रखे फैसले को पलटने की सोच रहे हैं। और ऐसा लगता है कि सुधाकर सिंह इस मिशन के फ्रंटमैन हैं।
तेज प्रताप को लालू यादव ने फैमिली से बाहर क्यों किया?
तेज प्रताप ने कुछ समय पहले 12 साल पुराने रिश्ते का जिक्र कर बवाल खड़ा कर दिया था, जिसके बाद सफाई देते हुए उन्होंने फेसबुक अकाउंट हैक होने की बात कही, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। राजनीतिक तूफान उठ चुका था। विरोधियों ने लालू परिवार पर तीखे वार किए, और लालू यादव को मजबूरन कड़ा फैसला लेना पड़ा। लेकिन अब वही लालू, शायद अंदर ही अंदर टूटे हुए पिता, अपने बेटे को फिर से गले लगाने के लिए परिस्थितियां साधने लगे हैं। राजनीति में जहां भावनाएं भी रणनीति के दायरे में आती हैं, वहां सुधाकर सिंह की भूमिका भावनात्मक भी है और राजनीतिक भी। तेज प्रताप की पहली शादी 2018 में ऐश्वर्या राय से हुई थी, जो दरोगा प्रसाद राय की पोती और चंद्रिका राय की बेटी हैं, लेकिन यह रिश्ता जल्द ही टूटने की कगार पर पहुंच गया और आज तलाक का मामला अदालत में है। इस सबके बीच, तेज प्रताप की दूसरी शादी की अफवाहें, वायरल तस्वीरें और वीडियो, और फिर सुधाकर सिंह का समर्थन। ये सब मिलकर एक नई राजनीतिक कहानी गढ़ रहे हैं, जिसमें बागी बेटा फिर से धार्मिक योद्धा बनकर पार्टी की सेवा में लौटने को तत्पर है।
तेज प्रताप की वापसी का ड्रामा!
चर्चा है कि तेज प्रताप की वापसी कुछ शर्तों पर होगी, और यह भी कि लालू प्रसाद इस बार भावनाओं से नहीं, राजनीतिक सूझबूझ से निर्णय ले रहे हैं, क्योंकि चुनाव नजदीक हैं, और तेज प्रताप जैसा चेहरा भले ही विवादों से घिरा हो, पर भीड़ खींचने की ताकत अब भी रखता है। ऐसे में सुधाकर सिंह का यह समर्थन महज एक राजनीतिक स्टैंड नहीं, बल्कि एक सुनियोजित वापसी का पहला सार्वजनिक संकेत माना जा रहा है और शायद यही वजह है कि सियासी गलियारों में अब कहा जा रहा है, तेज प्रताप की वापसी महज़ संभावना नहीं, एक स्क्रिप्टेड ड्रामा है जिसका क्लाइमैक्स जल्द सामने आएगा।