
MS Dhoni की कहानी उस नौजवान की है, जिसने क़िस्मत को भी अपने पीछे चलने पर मजबूर कर दिया और अब इस कहानी का अगला पड़ाव है, ICC Hall of Fame। अब जब ICC ने सात महान खिलाड़ियों को हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल किया है, तो भारत के लिए ये बड़े सम्मान की बात है, क्योंकि उनमें से एक नाम है महेंद्र सिंह धोनी का। क्रिकेट के कैप्टन कूल MS धोनी को ICC ने दी नई पहचान दी, इसके साथ ही हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल होने वाले धोनी 11 वें भारतीय बन गए हैं।
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दरअसल, भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में शुमार एमएस धोनी को ICC यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने अपने सबसे बड़े सम्मान से नवाजा है। टीम इंडिया को दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले धोनी को प्रतिष्ठित ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है। लंदन में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले एक खास कार्यक्रम में विश्व क्रिकेट के 7 महान खिलाड़ियों को हॉल ऑफ फेम में जगह दी गई, जिसमें भारत से पहला नाम महेंद्र सिंह धोनी का था। इस सम्मान के साथ ही धोनी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले भारत के 11वें क्रिकेटर बन गए हैं। आपको बता दें, हर साल ICC उन महान खिलाड़ियों को हॉल ऑफ फेम में शामिल करती है, जिन्होंने क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इसी कड़ी में इस बार टीम इंडिया को दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कप्तान एमएस धोनी को ये बड़ा सम्मान मिला। दरअसल, 2004 में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने वाले MS Dhoni ने अपनी कप्तानी से भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी। भारत के लिए 500 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले धोनी ने टीम इंडिया को 2007 का टी20 वर्ल्ड कप, 2011 का वनडे वर्ल्ड कप और 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी जिताकर इतिहास रचा। इतना ही नहीं, उनकी leadership में भारत टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 टीम भी बना।
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लेकिन ये पहली बार नही है जब ICC ने भारतीय क्रिकेटर को Hall Of Fame के लिए चुना हो। इससे पहले भारत के 10 दिग्गज इस सम्मान से नवाजे जा चुके हैं, जिनमें कपिल देव, सुनील गावस्कर, बिशन सिंह बेदी, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीनू मांकड़, डायना इडुलजी, वीरेंद्र सहवाग और नीतू डेविड शामिल हैं। दरअसल , ICC हॉल ऑफ़ फ़ेम दुनिया के सबसे सम्मानित क्रिकेटरों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है। ये उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जिन्होंने न सिर्फ़ खेल में अतुलनीय योगदान दिया, बल्कि उसे एक नई दिशा भी दी। धोनी को इसमें शामिल करना सिर्फ़ एक सम्मान नहीं, बल्कि एक युग को सलाम करना है। हमने तेंदुलकर को बल्ला थामे देखा, और धोनी को टीम उठाते देखा, धोनी अब भले मैदान से दूर हैं, लेकिन वो हर उस खिलाड़ी में ज़िंदा हैं, जो अपने फ़ैसले से क़िस्मत बदलना चाहता है। धोनी सिर्फ़ कप्तान नहीं, वो एक विचारधारा हैं और हॉल ऑफ़ फ़ेम में उनका नाम उस विचारधारा का सम्मान है।