
हाईलाइट्स
- ‘2027 की महाभारत’ में जुटे सीएम योगी!
- यूपी में योगी ने लागू किया ग्रेडिंग सिस्टम
- 27 के महासंग्राम में A ग्रेड वालों पर दांव!
- B ग्रेड वालों को परफॉर्मेंस सुधारने का निर्देश
- C कैटेगरी वाले विधायकों का कटेगा पत्ता?
वैसे तो यूपी विधानसभा का चुनाव होने में अभी दो साल का वक्त बचा है, लेकिन सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ अभी से हैट्रिक लगाने की तैयारी में जुट गए हैं। CM Yogi Adityanath ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए Grading System वाला Formula लागू कर दिया है। मतलब बीजेपी यूपी में अपने सभी विधायकों की परफॉर्मेंस को ग्रेडिंग दे रही है। सीएम योगी ने विधायको की परफॉर्मेंस को तीन कैटेगरी में बांटा है – A, B और C।
क्या है योगी का ग्रेडिंग सिस्टम?
योगी आदित्यनाथ के फॉर्मेट में जो विधायक A ग्रेड में हैं उनको साल 2027 के विधानसभा चुनाव में टिकट मिलना पक्का है। जबकि B ग्रेड वालों को अगले दो साल में परफॉर्मेंस सुधारने का मौका दिया जाएगा, लेकिन C ग्रेड वालों को टिकट मिलना मुश्किल होगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तकरीबन दो साल का वक्त बाकी है लेकिन मिशन 2027 को लेकर अभी से सियासी गुणा-गणित सेट होने लगा है। 2017 से सूबे में सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी जीत की हैट्रिक लगाने के लिए रणनीति तैयार करने में जुट गई है। इस बार भाजपा प्रत्याशियों के चयन को लेकर कोई गलती नहीं करना चाहती है इसलिए फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रही है। इसी कड़ी में अब बीजेपी ने टिकट का फॉर्मूला सेट कर दिया है, जिसके तहत विधायकों की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की जा रही है। बीजेपी की इस रणनीति से विपक्ष खासकर के समाजवादी पार्टी को कड़ी चुनौती मिलने वाली है।
2025 की सबसे बड़ी भविष्यवाणी!
लोकसभा चुनावों से भाजपा ने लिया सबक
2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे थे। कहा जा रहा था कि राज्य में अब बीजेपी की पकड़ कमजोर होती जा रही है। विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की कार्यशैली और प्रभाव पर सवाल उठा रही थी। यही वजह है कि इस बार बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। मौका विधानसभा के चुनावों का है और ऐसे में बीजेपी अपनी पूरी जी जान लगा रही है। कार्यकर्ताओं से लेकर विधायकों को टिकट देने तक बीजेपी कहीं चूक नहीं करना चाहती। इस बार बीजेपी ने ज्यादा से ज्यादा MLA जिताकर लाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए पार्टी काम की कसौटी पर खरे नहीं उतरने वाले विधायक का टिकट काटकर नए चेहरों को उतारने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। पार्टी थिंकटैंक ने तय किया है कि विधायकों को हर हाल में जनकल्याण, जाति और जनाधार की कसौटी पर खरा उतरना होगा। प्लान के मुताबिक, विधायकों की ग्राउंड रिपोर्ट पता कर पार्टी के तय मानक पर खरा उतरने वाले को ही 2027 में टिकट दिया जाएगा। पार्टी, सरकार और निजी एजेंसी के जरिए पता किया जा रहा है कि विधायक की खुद की जाति और जनता में जनाधार कैसा है। विकास को लेकर कामकाज कैसा है और इलाके में सक्रियता कितनी है, क्योंकि बीजेपी नहीं चाहती कि चुनावी रण में कमजोर सेनापति उतरें। समाजवादी पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीतकर बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी। ऐसे में बीजेपी का ये ऑडिट और सर्वेक्षण 2027 में सत्ता बरकरार रखने की ओर एक प्री प्लेंड कदम है।