
Delhi News: दिल्ली की सड़कों पर अब सिर्फ ट्रैफिक नहीं, बदलाव की रफ्तार दौड़ेगी। MCD को मिली 820 करोड़ की भारी-भरकम पहली किस्त ने राजधानी में विकास की नई Story लिखनी शुरू कर दी है। CM Rekha Gupta ने बजट के पन्नों से निकलकर ज़मीन पर काम शुरू करने का ऐलान कर दिया है। साफ़ सफ़ाई से लेकर सड़क, पानी से लेकर पार्क और सीवर से लेकर स्मार्ट स्ट्रीट तक, हर दिशा में विकास की लकीरें खींच दी गई हैं और ये महज़ घोषणा नहीं, हर प्रोजेक्ट के साथ है टाइमलाइन, मॉनिटरिंग और पारदर्शिता का रोडमैप। साथ ही रेखा गुप्ता ने दिल्ली के लिए फंड का पिटारा खोल दिया है। सवाल ये नहीं कि कितना पैसा आया, अब असली सवाल ये है कि बदलाव सबसे पहले कहां दिखेगा? और क्या सच में अब दिल्ली बदलाव की राह पर रफ्तार पकड़ चुकी है।
दिल्ली की राजनीति में आज सबसे बड़ा सवाल यही है क्या विकास सच‑मुच हर गली‑कूचे तक पहुँचेगा? मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस सवाल का पहला ठोस जवाब 820 करोड़ रुपये की किस्त जारी करके दिया है। यह राशि नगर निगम यानी MCD के खाते में सीधे पहुँची है ताकि राजधानी की बुनियादी सुविधाओं पर एक साथ कई मोर्चों पर काम शुरू हो सके। सड़क से लेकर सफ़ाई, पार्क से लेकर पथ‑प्रकाश और ड्रेनेज से लेकर डिजिटल शासन तक हर क्षेत्र का विस्तृत एक्शन‑प्लान तैयार है। सबसे पहले बात MCD की, 820 करोड़ की यह FIRST INSTALLMENT पूरे 3 हज़ार 282.26 करोड़ रुपये के उस वार्षिक पैकेज का शुरुआती हिस्सा है, जो वित्त वर्ष 2025‑26 में निगम को मिलना तय हुआ है। रकम सीधे बेसिक टैक्स असाइनमेंट यानि की BTA दी गयी है यानी इन पैसों का उपयोग सिर्फ़ कोर-सर्विसेज़ पर होगा। सड़क की मरम्मत, नए डस्टबिन और कूड़ा‑कलेक्शन मशीनें, मेक‑इन‑इंडिया स्वच्छता वाहन, अस्पतालों में बायो‑मेडिकल वेस्ट प्लांट और हर वार्ड में कम से कम एक ग्रीन पॉकेट पार्क ये पाँच प्राथमिकताएँ चिह्नित की गई हैं। हर प्रोजेक्ट के लिए ई‑टेंडर पोर्टल पर पारदर्शी बिडिंग होगी और प्रगति की साप्ताहिक मॉनिटरिंग सीधे सीएम डैश‑बोर्ड से की जाएगी ताकि कोई फाइल धूल न खाए।
Do follow ION Bharat on Youtube to get latest update:- https://www.youtube.com/@ionbharat/featured
MDMC भले ही राजधानी का सबसे छोटा सिविक बॉडी हो लेकिन 8 करोड़ रुपये का फंड दिल्ली की हाई‑एंड ज़रूरतों के लिए जीवनरेखा साबित होगा। यहां ध्यान न्यू स्मार्ट‑पोले, जीरो‑एमीशन ग्रीन बस‑शेल्टर और सोलर‑ट्री कॉरिडोर पर है। इंडिया गेट में लगने वाली सैर-पथ लाइटिंग अब फ़ुल‑LED और स्मार्ट‑सेंसिंग टेक्नोलॉजी से लैस होगी जिससे बिजली की खपत 45 % तक घटेगी। इसके अलावा गोलमार्केट‑बंगला साहिब कॉरिडोर में नया साइकल ट्रैक इस साल दिसम्बर तक पूरा करने का लक्ष्य है।
दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड को 5.5 करोड़ रुपये मिले हैं, ये क्षेत्र रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है, फिर भी बैरक और सिविल बस्तियों की साझा समस्याएँ सीवर‑लाइन, स्ट्रीट‑लाइट और शौचालय अकसर बजट की कमी के चलते अटकी रहती थीं। नई किस्त से दो मुख्य काम होंगे, शास्त्री नगर से सदर बाज़ार तक 6 किमी लंबी स्टॉर्म‑वॉटर लाइन, और हर वार्ड में एक‑एक जवान चौपाल जहाँ बुज़ुर्ग पूर्व‑सैनिकों को स्वास्थ्य जाँच व ऑनलाइन पेंशन सहायता मिल सकेगी। अब बात उस फैसले की जिसने आज की तपती गर्मी में सबसे ज़्यादा राहत दी DJB को 146 करोड़ रुपये की सब्सिडी, यह रकम सिर्फ़ फ्री वॉटर का बजट नहीं है।
दरअसल इसका बड़ा हिस्सा यमुना पर इंटरसेप्टर सीवर प्रोजेक्ट और सोनिया विहार प्लांट‑3 की मेम्ब्रेन‑टेक्नोलॉजी उन्नयन पर लगेगा। अगले जून तक 15 लाख अतिरिक्त घरों को 24×7 पीने योग्य पानी का दबाव मिलेगा। सीएम का दावा है कि पानी किसी एक वर्ग का नहीं, दिल्ली के हर नागरिक का अधिकार है इसलिए सब्सिडी का डिजाइन ऐसा रखा गया है कि ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस लागत DJB खुद वहन करे जबकि पूंजीगत निवेश पर सरकार हाथ बँटाए यानी आत्मनिर्भरता भी, और राहत भी।
रेखा गुप्ता ने पिछली सरकारों पर कोताही का आरोप लगाते हुए साफ़ कहा कि पहले न समय पर पैसा मिलता था, न पूरा पैसा मिलता था, नतीजा यह कि कई परियोजनाएँ आधी‑अधूरी रह जाती थीं।
- नई व्यवस्था में ट्रिपल‑ट्रैक सुरक्षा कवच है
- पहला, रकम टाइम‑टैग्ड किश्तों में रिलीज़
- दूसरा, जवाइंट अकाउंट ताकि फंड डायवर्ज़न न हो
- तीसरा, GIS‑बेस्ड प्रोजेक्ट ट्रैकिंग जिससे लोग मोबाइल पर लाइव अपडेट देख सकें
सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि पहली किस्त मिलते ही परियोजनाओं की ग्राउंड‑ब्रेकिंग डेट तय हो गई है। MCD के 10 वार्डों में अगले पन्द्रह दिनों के भीतर सफ़ाई अभियान शुरू होगा। NDMC की ग्रीन एनर्जी लाइटें अगस्त तक चमकेंगी। कैंट बोर्ड की स्टॉर्म‑वॉटर खुदाई मानसून से पहले पूरी करने की डेडलाइन है और जल बोर्ड की नई रैपिड‑सैंड फ़िल्टरेशन यूनिट इस साल दिसम्बर तक चालू होगी।