पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव का माहौल है. माना जा रहा है कि भारत पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक जैसी किसी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकता है. इस बीच, पूर्व भारतीय वायु सेना प्रमुख Air Chief Marshal ने Ion Bharat के प्रेसिडेंट अभिषेक मेहरोत्रा से एक्सक्लूसिव बातचीत में भारत की तैयारियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना किसी भी बड़ी कार्रवाई के लिए तैयार है और पहले के मुकाबले उसकी ताकत और क्षमता में इजाफा हुआ है.
भारतीय वायुसेना ने 2019 में पुलवामा का बदला बालाकोट में पाकिस्तानी आतंकियों को निशाना बनाकर लिया था, तब से अब तक हमारी एयरफोर्स कितनी मजबूत हुई और किसी बड़ी कार्रवाई के लिए कितनी तैयार है?
आरकेएस भदौरिया: हम पहले से ज्यादा अच्छी स्थिति में हैं. हमारे पास आज राफेल है, हमने कई नए सिस्टम विकसित किए हैं. हमारी ऑपरेशनल क्षमता में इजाफा हुआ है. पाकिस्तान में खौफ है, उसे पता है कि पहलगाम हमले के पीछे कौन है और भारत कुछ बड़ा कर सकता है. पाक हमारी ऑपरेशनल क्षमता से भी परिचित है, इसलिए भी वो डरा हुआ है.
प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को खुली छूट दी है. उनका कहना है कि पहलगाम के दोषियों को कल्पना से परे दंड मिलेगा. इसका आर्मी, एयरफ़ोर्स और नेवी के लिए क्या संदेश है?
आरकेएस भदौरिया: संदेश यही है कि जो भी हो वो कल्पना से परे होना चाहिए. भारत ने कुछ गैर सैन्य कदम पहले ही उठाए गए हैं, जैसे कि सिंधु नदी जल समझौता रद्द करना. कल्पना से परे का मतलब है कि आतंकी, उनके मददगारों को माकूल जवाब देना. आतंकियों की पहचान, उनके मददगारों की पहचान, उनके हैंडलर्स की पहचान करना, यह पता लगाना कि उन्हें किसने दिशा निर्देश दिए थे, और उसके बाद यह सुनिश्चित करना कि एक्शन डिसाइसिव और क्लियर हो. और एक्शन पहले से काफी ज्यादा बड़ा और ज़ोरदार होना चाहिए.
बालाकोट स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने कहा था कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने केवल हमारे कुछ कौवे और पेड़ों को ही नुकसान पहुंचाया. यह हमारे दावों से बिल्कुल विपरीत था. इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
आरकेएस भदौरिया: उनका अपना नैरेटिव होता है, पाकिस्तानी सेना मीडिया और सरकारी मशीनरी को कंट्रोल करती है. जब उन्होंने कहा कि केवल कुछ कौवे मारे गए और पेड़ों को नुकसान हुआ, तो वे अगले 45 दिनों तक किसी पत्रकार को वहां क्यों नहीं ले गए? ऐसी स्थिति ने वे जो चाहें कह सकते हैं. हम जानते हैं कि हमने क्या किया था. पिछले चार-पांच साल में जम्मू-कश्मीर में काफी काम हुआ है, शांति बहाली वहां पर कायम थी, इसलिए पाकिस्तान ने हालात बिगाड़ने के लिए पहलगाम हमले को अंजाम दिया.
दो पाकिस्तानी मंत्रियों के बयान हाल में चर्चा का विषय रहे. पहले ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार कि पाकिस्तान पिछले 30 सालों से अमेरिका के लिए गलत काम करता आ रहा है. इसके बाद बिलावाल भुट्टो जरदारी ने कहा कि हां हमने अतीत में ऐसा किया है, लेकिन अब नहीं करते. इन बयानों का क्या मतलब निकाला जाए?
आरकेएस भदौरिया: इससे पता चलता है कि पाकिस्तान का आतंकियों के साथ गठजोड़ है. वे हमेशा से यही करते रहे हैं. कभी वे कहते हैं कि हम इसमें शामिल नहीं हैं, हमारी सेना इसका हिस्सा नहीं हैं. और कभी इसे स्वीकारते हैं. कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तान ने कहा था कि इसमें हमारा कोई हाथ नहीं है. लेकिन बाद में परवेज मुशर्रफ़ ने कहा था कि यह सोची समझी रणनीति के तहत किया गया था. आज भले ही वे कह रहे हों कि हम पहलगाम हमले के पीछे नहीं हैं, लेकिन कुछ साल बाद कह सकते हैं कि यह उनकी रणनीति का हिस्सा था.
क्या दोनों नेता एक तरह से यह दर्शाना चाहता हैं कि पहलगाम में जो कुछ हुआ, उसके लिए केवल सेना और ISI ही जिम्मेदार हैं?
आरकेएस भदौरिया: ऐसा हो सकता है. उन्हें पता है कि पहलगाम हमले में पाकिस्तानी आर्मी, ISI का हाथ है. वे इससे दूरी बनाना चाहते हैं , वरना ऐसे बयानों का आज कोई कारण नहीं था. यदि आप खुश नहीं थे, तो वेस्ट को बताना चाहिए थे. दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए.
2019 की तुलना में पाकिस्तान वायुसेना कितनी मजबूत हुई है और क्या हमारे के लिए डरने वाली कोई बात है?
आरकेएस भदौरिया: उनके पास अच्छे हथियार हैं, लेकिन हमारी तुलना में नहीं. निश्चित तौर पर उन्होंने अपनी क्षमता में सुधार किया है, लेकिन हमें चिंता की कोई बात नहीं है कि क्योंकि हम उनसे ज्यादा अच्छी और मजबूत स्थिति में हैं. केवल एयरफ़ोर्स ही नहीं, हमारी आर्मी और नेवी भी पकिस्तान से कहीं गुना ज्यादा शक्तिशाली हैं. बालाकोट में हमने जो किया था आज हम उससे ज्यादा बड़ा करने की स्थिति में हैं.
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भारत को ऐसा क्या करना चाहिए कि पाकिस्तान भविष्य में फिर कोई आतंकी हमला करने की हिम्मत न जुटा पाए?
आरकेएस भदौरिया: इस बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता. यह एक लंबी प्रक्रिया होती है.
आतंकवाद के खिलाफ कई देशों ने आश्चर्यजनक कदम उठाए हैं. उदाहरण के तौर पर अमेरिका 26/11 का बदला लेने के लिए पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिल लादेन को पकड़ लाया था. क्या भारत भारत भी हफीज सईद, मसूद अजहर और दाऊद अब्राहिम के खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई कर सकता है?
आरकेएस भदौरिया: मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि यदि ऐसा क्या जाना है, तो निश्चित ही किया जा सकता है. हम हर टास्क को अंजाम देने में सक्षम हैं.