दिल्ली की सड़कों पर अब गंदगी नहीं, सफाई का काम होता नज़र आता है। अतिक्रमण नहीं, कानून की धमक है। जहां कल तक जनता पानी में फंसी थी, वहां आज विकास की लहर बह रही है। ये कोई सपना नहीं, ये है नई दिल्ली की नई तस्वीर, जिसे रचा है, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने, विकास की मिसाल बनकर, और वहीं दूसरी तरफ जनता ने दिल्ली में आप पर भरोसा किया तो केजरीवाल की तरफ से मिला सिर्फ धोखा।
दिल्ली में चल रहा पीएम मोदी का स्वच्छता अभियान
देश की राजधानी दिल्ली अब गंदगी, अतिक्रमण और जलभराव से आज़ादी की ओर तेज़ी से बढ़ रही है। दिल्ली की सत्ता में जनता के विश्वास से आई भारतीय जनता पार्टी ने काम करने का वादा किया था और अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में वो वादा धरातल पर बुलेट ट्रेन की रफ्तार से उतरता दिखाई दे रहा है। रेखा गुप्ता ने हाल ही में जो आंकड़े जारी किए, वो चौंकाने वाले हैं लेकिन एक सकारात्मक अर्थ में एमसीडी के 20 दिवसीय मेगा स्वच्छता अभियान के तहत 3,500 किलोमीटर से ज़्यादा सड़कों की सफाई की गई। सबसे बेहतर प्रदर्शन रोहिणी ज़ोन में हुआ, जहां जनता को साफ सड़कों की सौगात मिली। अभियान के दौरान अतिक्रमण हटाने और गंदगी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। कुल 11,131 चालान काटे गए जिनमें सबसे ज्यादा, यानी 2,994 चालान पश्चिमी ज़ोन में किए गए। इतना ही नहीं, 5,932 अवैध सामग्रियां ज़ब्त की गईं और 186.5 किलोमीटर सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। एमसीडी की प्रगति रिपोर्ट बताती है कि ये सिर्फ एक दिखावा नहीं, बल्कि ज़मीन पर असर छोड़ने वाला ठोस अभियान है। करोल बाग से लेकर शाहदरा, नरेला से लेकर केशवपुरम तक 12 जोनों में सफाई, अतिक्रमण हटाने और चालान की कार्रवाई पूरे जोर-शोर से चल रही है।
मानसून से पहले दिल्ली है तैयार
रेखा गुप्ता ने बताया कि नालों की सफाई पर भी विशेष ज़ोर दिया गया है, ताकि मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से निपटा जा सके। अब तक 19,892.38 मीट्रिक टन गाद एमसीडी ने दिल्ली के नालों से निकाली है, और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने दिल्ली के 27 नालों से 13,72,276 मीट्रिक टन गाद को साफ कर जनता को राहत दी है। शहर को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने 4,139 डार्क स्पॉट की पहचान कर उन्हें ठीक किया है। कुल 4,140 स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत की गई और 285 नई स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं, ताकि उन इलाकों में उचित रोशनी सुनिश्चित की जा सके जहां पहले कोई व्यवस्था नहीं थी।
केजरीवाल ने सिर्फ झूठे वादों की राजनीति की
लेकिन जब बात पिछली AAP की सरकार की आती है, तो केवल वादे, विज्ञापन और ट्वीट नजर आते हैं। दिल्ली की बागडोर संभालने वाले केजरीवाल की नाक के नीचे गंदगी, जलभराव और भ्रष्टाचार का साम्राज्य पनपता रहा। नालों की सफाई के नाम पर फाइलों में प्लान बने, लेकिन ज़मीन पर सड़ांध ही सड़ांध रही। जहां एक तरफ रेखा गुप्ता की सरकार ज़मीन पर काम कर रही है, वहीं दूसरी तरफ केजरीवाल की सरकार सिर्फ कैमरे और प्रचार तक सीमित रही। यमुना की सफाई से लेकर स्कूल और अस्पतालों तक हर मोर्चे पर सिर्फ दिखावा, स्वच्छता के नाम पर करोड़ों खर्च कर देने वाले अरविंद केजरीवाल की टीम आज सवालों से भाग रही है। लेकिन दिल्ली की जनता अब समझ चुकी है काम करने वाले और केवल बातें बनाने वालों में फर्क क्या होता है। रेखा गुप्ता और एमसीडी का यह अभियान यह साबित करता है कि जब नीयत साफ हो, तो नाले भी साफ हो सकते हैं और जब इरादे मजबूत हों, तो अतिक्रमण भी हट सकता है।