क्या एक जघन्य हत्याकांड की आरोपी को मिलेगी कानून पढ़ने की इजाजत?
मेरठ में सौरभ राजपूत की सनसनीखेज हत्या के 77 दिन बाद अब इस केस ने एक चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। आरोपी पत्नी मुस्कान रस्तोगी, जो प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर हत्या की आरोपी है, अब जेल से ही एलएलबी की पढ़ाई करने की इच्छा जता रही है। सवाल यह है क्या एक सजायाफ्ता हत्यारिन क़ानून की पढ़ाई कर सकती है? इस आर्टिकल में जानिए क्या है पूरा अपडेट? क्या जेल में बंद मुस्कान को जघन्य अपराध के बाद भी मिल सकती हैं सुविधाएं? अगर हां, तो क्या हैं इसे पूरा करने की क़ानूनी प्रक्रियाएं?
सौरभ की क़ातिल मुस्कान की लॉ करने की इच्छा

आरोपी मुस्कान और साहिल को जेल में बंद हुए अब तक 77 दिन बीत चुके हैं। सौरभ की कातिल पत्नी अब कानून की पढ़ाई कर वकील बनने की राह पर चलना चाहती है। उसने जेल प्रशासन से एलएलबी की पढ़ाई को लेकर जानकारी मांगी है। मुस्कान का कहना है कि उसे अब यह अहसास हो गया है कि उसका केस शायद कोई सही से न लड़े, इसलिए वह खुद अदालत में अपनी पैरवी करना चाहती है।
भारत में एलएलबी के लिए योग्यता क्या है?
भारत में एलएलबी पाठ्यक्रम करने के लिए ग्रेजुएट होना ज़रूरी है, किसी भी अभ्यर्थी को किसी विषय में 3 या 4 साल तक की अवधि की स्नातक डिग्री में पास होना ज़रूरी है। साथ ही योग्यता परीक्षा में न्यूनतम 45% अंक आवश्यक हैं।
क्या है क़ातिल मुस्कान की शैक्षणिक योग्यता?
जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा के मुताबिक़ मुस्कान ने पत्र लिखकर एलएलबी की पढ़ाई के बारे में जानकारी मांगी है। लेकिन पुलिस अधीक्षक के मुताबिक़ मुस्कान केवल 9वीं कक्षा तक ही पढ़ी हुई है। लिहाज़ा उसे पहले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करनी होगी। जेल में इग्नू (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय) के माध्यम से हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई की सुविधा पहले से उपलब्ध है। लेकिन एलएलबी जैसी उच्च शिक्षा के लिए क्या विकल्प हो सकते हैं, इस पर जेल प्रशासन विचार कर रहा है।
जघन्य अपराध के बाद भी क्या जेल में रहकर मिल सकती है शिक्षा?
शिक्षा मौलिक अधिकार है, जो संविधान के अनुच्छेद 21ए के तहत हर देशवासी का अधिकार है। अपराधियों को भी इसका हक़ मिलता है। ताकि कोई अपराधी समाज में दोबारा सम्मानजनक जीवन जी सके और अपराध के रास्ते पर न जाए। विशेष रूप से इस अधिकार के ज़रिए महिलाओं और बच्चों को शिक्षित किया जाना ज़रूरी है, ताकि वे न केवल अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकें, बल्कि समाज में होने वाले अपराधों से भी बचाव कर सकें। सौरभ हत्याकांड मामले में आरोपी मुस्कान रस्तोगी ने 9वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई नहीं की है। उसके पास सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट भी नहीं है। जो भारत में क़ानून की पढ़ाई करने के लिए ज़रूरी शर्त है।
किस काम में जुटे हैं जेल प्रशासन के अधिकारी?
अधिकारियों ने अब क़ानूनी शिक्षा प्राप्त करने के लिए ज़रूरी क़दमों की खोज शुरु कर दी है। हालांकि ये साफ है कि मुस्कान को एलएलबी करने के लिए सबसे पहले अपनी हायर एज्युकेशन को पूरा करना ही होगा। जेल अधिकारी बताते हैं कि इग्नू (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय) जेल सिस्टम के तहत कई तरह के एज्युकेशन प्रोग्राम मुहैया कराता है।
वारदात की तारीख़ 3-4 मार्च को क्या हुआ था?
मुस्कान ने पुलिस को बताया कि दो साल पहले सौरभ लंदन में काम करने गया था. इस दौरान मुस्कान और साहिल के बीच दोस्ती और बढ़ी। मुस्कान ने पुलिस को बताया कि सौरभ का पासपोर्ट एक्सपायर होने वाला था और उसे रिन्यू कराने के लिए सौरभ 24 फ़रवरी को भारत आ रहा था। पुलिस के मुताबिक़, हत्या के लिए मुस्कान और साहिल ने पहले ही पूरी योजना बना ली थी और चाकू और बेहोशी की दवाएं खरीद ली थीं.
हत्या के दिन यानी तीन मार्च की रात मुस्कान ने सौरभ के खाने में बेहोशी की दवाइयां मिला दीं. और जब वह बेहोश हो गए तो साहिल ने सौरभ का हाथ पकड़ा और मुस्कान ने चाकू से कई वार किए।

पुलिस के अनुसार दोनों ने शव को बाथरूम में ले जाकर तीन टुकड़े कर दिए और सबूत मिटाने के लिए कमरे को ब्लीचिंग पाउडर से धो दिया गया था. चार मार्च को मुस्कान ने बाज़ार से ड्रम और सीमेंट ख़रीदा और फिर सारे अंगों को उसमें सीमेंट के साथ भर दिया गया।