किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि
पिछले कुछ वर्षों में किसान आंदोलन भारत की राजनीति का एक अहम मुद्दा बन गया है। दिल्ली में हुए किसान आंदोलन को अभी भी लोग याद करते हैं, जब पंजाब से आए किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर धरना देकर पूरी राजधानी को प्रभावित किया था। उस समय अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) ने किसानों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की थी। लेकिन अब जब पंजाब में किसान आंदोलन शुरू हुआ है, तो AAP सरकार ही इसकी केंद्र में है।
पंजाब में किसानों की मांगें
पंजाब के किसानों ने 5 मार्च को चंडीगढ़ में धरना देने का ऐलान किया है। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- MSP पर कानून बनाना: किसान चाहते हैं कि पंजाब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाए।
- कृषि नीति में बदलाव: किसान एक नई कृषि नीति की मांग कर रहे हैं, जो उनके हित में हो।
- जमीन का मालिकाना हक: किसानों को उनकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाए और उन्हें जमीन का पूरा अधिकार मिले।
- कर्ज माफी: किसानों और मजदूरों का कर्ज माफ करने के लिए कानून बनाया जाए।
AAP सरकार की चुनौतियां
पंजाब में AAP सरकार के लिए यह आंदोलन एक बड़ी चुनौती बन गया है। सरकार के सामने कई समस्याएं हैं:
- खाली खजाना: पंजाब सरकार का खजाना पहले से ही खाली है। कर्ज माफी जैसी मांगों को पूरा करना मुश्किल है।
- चुनावी वादे: AAP ने चुनाव के दौरान कई वादे किए थे, जैसे महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति महीना देना। लेकिन खजाने की कमी के कारण ये वादे अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं।
- किसानों का दबाव: किसानों का आंदोलन तेज हो रहा है, और सरकार के पास इसका कोई स्पष्ट समाधान नहीं है।
सरकार और किसानों के बीच बैठक
किसानों को मनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनके साथ बैठक की। लेकिन यह बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और चंडीगढ़ में धरना देने का फैसला किया है।
पुलिस की कार्रवाई और विवाद
जब किसानों ने चंडीगढ़ को हाईजैक करने की योजना बनाई, तो सरकार ने पुलिस को किसान नेताओं को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। सुबह 4 बजे से ही पुलिस ने किसान नेताओं को उनके घरों से उठाना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच तनाव भी बढ़ गया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी किसानों पर हुई कार्रवाई पर सवाल उठाए।
पंजाब में किसान आंदोलन एक बार फिर सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। AAP सरकार को इस मुद्दे को संवेदनशीलता से निपटाना होगा, वरना यह आंदोलन और बढ़ सकता है। किसानों की मांगों को समझने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे।
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