क्या हुआ उस रात?
21 जनवरी की रात, सैफ अली खान के घर में एक अज्ञात व्यक्ति ने उन पर चाकू से हमला कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावर ने सैफ के शरीर पर पांच घाव किए, जिसके बाद वे लीलावती हॉस्पिटल ले जाए गए। पुलिस ने शरीफुल इस्लाम नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया, लेकिन इस पूरे प्रकरण में कई सवाल अनसुलझे रह गए। हालांकि, शरीफुल के परिवार वालों का कहना है कि जिस व्यक्ति की फोटो सीसीटीवी फुटेज में दिखाई गई है, वह उनका बेटा नहीं है। इसके अलावा, फिंगरप्रिंट्स भी मैच नहीं कर रहे हैं, जिससे पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठ रहे हैं।
चोटें या नाटक? मेडिकल रिपोर्ट ने बढ़ाए संदेह
डॉक्टरों ने सैफ की चोटों को “सुपरफिशियल लेसरेशन” बताया, जिसका मतलब है कि चाकू सिर्फ त्वचा तक सीमित था। मगर, खबरों में दावा किया गया कि सैफ की 6 घंटे की सर्जरी हुई और वे 5 दिन तक हॉस्पिटल में रहे। विशेषज्ञों के मुताबिक, इतनी सतही चोट के लिए न तो लंबी सर्जरी की जरूरत होती है, न ही इतने दिनों के भर्ती रहने की।
खून से लथपथ या साफ-सुथरा ऑटो?
ऑटो चालक ने बताया कि सैफ के कपड़ों पर “हल्का खून” था, जिसे उसने कपड़े से पोंछ दिया। वहीं, मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, सैफ का ब्लड प्रेशर सामान्य था। यह सवाल उठना लाजमी है: “क्या वाकई यह जानलेवा हमला था?”
करीना कपूर कहां थीं?
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सैफ पर हमला हुआ, तो उनकी पत्नी करीना कपूर खान कहां थीं? रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीना उस समय घर पर ही थीं, लेकिन उन्होंने न तो पुलिस को फोन किया, न ही एंबुलेंस बुलाई। इसके बजाय, उन्होंने अपने 7 साल के बेटे तैमूर को सैफ के साथ अस्पताल भेज दिया। जब सैफ हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए, तो करीना उन्हें लेने भी नहीं पहुंचीं। क्या यह सामान्य है? कोई भी पत्नी अपने पति के साथ ऐसे क्षणों में होती है, लेकिन करीना का व्यवहार संदेह पैदा करता है।
अफसर जैदी: कौन है यह रहस्यमयी ‘दोस्त’?
मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, सैफ को हॉस्पिटल “अफसर जैदी” नाम के शख्स ने भर्ती कराया। लेकिन, जब मीडिया ने अफसर से संपर्क किया, तो उन्होंने सब कुछ नकार दिया। सवाल यह है: “अगर अफसर मौजूद नहीं थे, तो उनका नाम रिपोर्ट में कैसे आया?”
सवालों के घेरे में मुंबई पुलिस
- सीसीटीवी फुटेज और फिंगरप्रिंट की गड़बड़ी: पुलिस ने शरीफुल इस्लाम को गिरफ्तार किया, लेकिन उसके फिंगरप्रिंट घटनास्थल के फिंगरप्रिंट्स से मेल नहीं खाते। सीसीटीवी फुटेज में दिखे हमलावर और शरीफुल के चेहरे में भी अंतर है। पुलिस का दावा है कि “चेहरे पर सूजन” के कारण अंतर है, लेकिन यह तर्क हास्यास्पद लगता है।
- घर में मौजूद 20 स्टाफ, लेकिन कोई गवाह नहीं: सैफ के घर में 20 से ज्यादा स्टाफ मौजूद थे, लेकिन किसी ने हमलावर को रोकने या पुलिस को सूचना देने की कोशिश नहीं की। यह कैसी लापरवाही?
क्या यह सब एक पब्लिसिटी स्टंट था?
- चाकू टूटने का दावा और घर की चीजें: हमलावर ने जिस चाकू का इस्तेमाल किया, वह सैफ के घर का साधारण चाकू था, जिससे सब्जियां काटी जाती हैं। क्या कोई चोर इतना बेवकूफ हो सकता है कि घर लूटने के लिए एक साधारण चाकू ही ले जाए?
- करीना और सैफ के रिश्तों पर सवाल: क्या करीना और सैफ के बीच कोई कलह इस घटना की वजह बनी? क्या यह घटना पब्लिसिटी स्टंट या फिर घरेलू झगड़े का नतीजा है?
यह केस उन तमाम मामलों की तरह है, जहाँ सच्चाई दबाने की कोशिश की जाती है। मुंबई पुलिस का रवैया, मीडिया की सतही रिपोर्टिंग, और सेलेब्रिटीज का चुप्पी सब कुछ संदेहास्पद बना रही है। “क्या सैफ पर हमला वाकई हुआ या यह सिर्फ एक नाटक था?” इस सवाल का जवाब शायद ही कभी मिल पाए। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में और क्या खुलासे होते हैं। क्या आपको लगता है कि यह घटना सच्ची है या इसमें कोई छिपा हुआ राज है? कमेंट में बताएं और इस आर्टिकल को शेयर करके सच्चाई की तलाश में हमारा साथ दें।