
दोस्तों, उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। महिलाओं में खासतौर पर Menopause के बाद हड्डियों का कमजोर होना शुरु हो जाता है, इस वजह से उन्हें Osteoporosis का खतरा बढ़ जाता है। Muscles घटने लगता है तो शरीर में फैट भी बढ़ने लगता है। नींद की कमी और मूड स्विंग की शिकायत आम हो जाती है। ऐसे में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, Muscles और Bone Density को होने वाले नुकसान को रोकता है।
महिलाओं को क्यों होता है ऑस्टियोपोरोसिस?
इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन (IOF) के मुताबिक दुनिया की 3 में से एक महिला ऑस्टियोपोरोसिस की गिरफ्त में है। सिर्फ भारत में करीब 61 मिलियन लोग इससे पीड़ित हैं, इनमें से 80 परसेंट तो सिर्फ महिलाएं हैं। इससे बचाव के लिए हर इंसान को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और बैलेंस्ड डाइट का सहारा लेना चाहिए। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से ना सिर्फ मसल्स बनती हैं, बल्कि फैट भी बर्न होता है साथ ही इस्ट्रोजेन, प्रोजेस्ट्रोन और टेस्टोस्टेरॉन जैसे हारमोन्स के लेवल भी सुधरते हैं। मेटाबॉलिज्म में भी सुधार आता है।
क्या होती है स्ट्रेंथ ट्रेनिंग? – https://www.youtube.com/watch?v=3Bw4BDa15RU
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में आपको जिम में जाकर हैवी वेट नहीं उठाना होता बल्कि फ्री वेट एक्सरसाइज या लाइट वेट डंबल्स का इस्तेमाल करना होता है। जैसे कि स्कवेट्स, प्लैंक, लंजेज। इन सभी एक्सरसाइज को करने से ना सिर्फ मसल्स टोनिंग बढती है बल्कि बॉडी से एक्स्ट्रा फैट भी बर्न होता है।
टाइप 2 डायबिटीज और कार्डियोवास्कुलर से जुड़ी बीमारी अगर आपके शरीर में हो तो आपको स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जरुर करनी चाहिए। सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर ध्यान देना चाहिए।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के फायदे
- स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में ऐसे कई पोज हैं, जो आपके धीरज और ताकत को परख सकते हैं। साथ ही इसे करने से दिमाग शांत होता है।
- अगर आपको दिन में नींद आती है, तो कुछ शक्ति प्रशिषण करना आपको एनर्जी से भर सकता है। रिसर्च में पाया गया है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आपकी नींद के साइकिल को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक बीमारी है, जो आपके मस्तिष्क को प्रभावित करती है और आप थकान, अंगों में सनसनी और संतुलन के मुद्दों जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं। ऐसे में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना आपके लिए काफी बेहतर साबित हो सकता है।
स्ट्रेंथ ट्रेंनिंग से मसल्स टिश्यूज ब्रेक होते हैं जिन्हें प्रोटीन की मदद से रिपेयर किया जा सकता है। मसल्स को पूरी तरह रिपेयर होने में लगभग 48 घंटे का समय लगता है। इसलिए आपको स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करते वक्त इस बात का खास ध्यान रखना है कि 48 घंटे से पहले सेमम मसल्स ग्रुप को दोबारा ट्रेन ना करें।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए इस वीडियो को जरुर देखें।