Home Featured News ‘बच्चों को कठमुल्ला’ नहीं बनने देंगे योगी? अवैध मदरसों को बचाने में जुटे अखिलेश!

‘बच्चों को कठमुल्ला’ नहीं बनने देंगे योगी? अवैध मदरसों को बचाने में जुटे अखिलेश!

By ION Bharat Desk

योगी का विधानसभा में बयान, विपक्ष पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर विपक्ष की ‘मंदिर-मस्जिद’ राजनीति पर करारी चोट की है। विधानसभा में बोलते हुए योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन दूसरों के बच्चों को उर्दू और मदरसों में पढ़ने की सलाह देते हैं। योगी ने कहा, “यह दोहरा चरित्र है। अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में भेजो और दूसरों को कठमुल्लापन की राह पर ले जाना चाहते हो। यह नहीं चलेगा।”

योगी ने क्या कहा मदरसों को लेकर?

योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का मकसद मदरसों को बंद करना नहीं है, बल्कि उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि मदरसा एक शिक्षण संस्थान है, न कि सिर्फ धार्मिक संस्था। योगी ने कहा, “हमारी सरकार की जिम्मेदारी है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिले, ताकि वे आगे चलकर डॉक्टर, इंजीनियर बन सकें।”

असम मॉडल से प्रेरणा?

यूपी सरकार की योजना असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मॉडल से प्रेरित लगती है। असम में हिमंत बिस्वा सरमा ने करीब 1,400 मदरसों को सरकारी स्कूलों में बदल दिया है। इन मदरसों में अब उर्दू के साथ-साथ अंग्रेजी, विज्ञान और गणित जैसे विषय भी पढ़ाए जा रहे हैं। यूपी सरकार ने भी हाल ही में राज्य के सभी मदरसों का सर्वे कराया था, जिसमें पाया गया कि करीब 7,500 मदरसे गैर-मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से कई मदरसों में बच्चों को सिर्फ उर्दू और धार्मिक शिक्षा दी जाती है, जबकि आधुनिक शिक्षा की कमी है।

मदरसों में सुधार की जरूरत क्यों?

मदरसों में सुधार की मांग लंबे समय से उठती रही है। कई बार यह भी देखा गया है कि कुछ मदरसों में बच्चों को देश विरोधी विचार सिखाए जाते हैं। योगी सरकार का मानना है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भी आधुनिक शिक्षा मिलनी चाहिए, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। यूपी सरकार का लक्ष्य है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भी डॉक्टर, इंजीनियर और अन्य पेशेवर बन सकें।

विपक्ष की राजनीति पर सवाल

योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दल हमेशा से मदरसों को लेकर राजनीति करते आए हैं। योगी ने कहा, “ये लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन दूसरों के बच्चों को उर्दू और मदरसों में पढ़ने की सलाह देते हैं। क्या ये लोग अपने बच्चों को उसी स्कूल में भेजेंगे, जहां सिर्फ उर्दू पढ़ाई जाती है?”

आगे की राह क्या है?

यूपी सरकार का मकसद साफ है कि मदरसों को बंद करना नहीं, बल्कि उन्हें आधुनिक शिक्षा से जोड़ना है। योगी सरकार का लक्ष्य है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। अब देखना होगा कि यूपी सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है और कैसे मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जाता है।

योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर साबित किया है कि वे विपक्ष की ‘मंदिर-मस्जिद’ राजनीति के खिलाफ हैं। उनका मकसद साफ है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भी आधुनिक शिक्षा मिले और वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। अब देखना होगा कि यूपी सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है और कैसे मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जाता है।

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