पर्सनल लोन अब आसानी से नहीं मिलेगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बिना कुछ गिरवी रखे दिए जाने वाले पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड के नियमों को सख्त बनाने की तैयारी में है. दरअसल, ऐसे लोन के डिफॉल्ट का खतरा बढ़ रहा है, इसी के मद्देनजर RBI कड़े फैसले लेने वाला है.
पहले बढ़ाया है रिस्क वेट
नवंबर 2023 में रिजर्व बैंक ने इस तरह के लोन पर रिस्क वेट 100% से बढ़ाकर 125% कर दिया था, लेकिन नियमों को और कड़ा बनाया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरबीआई ने बैंकों को अपनी कर्ज देने की नीतियों को सख्त करने के निर्देश दिए हैं. बैंकों को कर्ज लेने वालों के क्रेडिट स्कोर के आधार पर लोन की अधिकतम सीमा तय करनी होगी. साथ ही यदि कोई व्यक्ति पहले से होम लोन या ऑटो लोन ले चुका है, तो बैंकों को पर्सनल लोन देते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए कहा गया है.
बढ़ रहे हैं पर्सनल लोन
RBI रिटेल लोन के तेजी से बढ़ने और इसमें छिपे जोखिमों को लेकर चिंतित है. मार्च 2024 में पर्सनल लोन में वार्षिक वृद्धि 14% रही. प्राइवेट बैंक अभी भी तेजी से पर्सनल लोन बांट रहे हैं. जबकि सरकारी बैंक ऐसे लोन देने के मामले में पीछे हैं. रिजर्व बैंक की दिसंबर 2023 की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, प्राइवेट बैंकों में कर्ज माफ करने (राइट-ऑफ) की संख्या में उछाल देखने को मिला है, जो जोखिम का संकेत है. बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अगले 15 दिनों में इस संबंध में नए दिशा-निर्देशों का ड्राफ्ट जारी कर सकता है.
क्या रेपो रेट होगी कम?
आरबीआई ने बैंकों से ऐसे कर्जों को लेकर अधिक सतर्कता बरतने और केवल योग्य उधारकर्ताओं को ही लोन देने को कहा है. केंद्रीय बैंक का यह कदम आम लोगों को जरूरत से ज्यादा लोन लेने से रोकने और बैंकिंग व्यवस्था को सुरक्षित बनाने के लिए है. वहीं, माना जा रहा है कि आरबीआई की 4-6 जून 2025 को होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में एक और कटौती का फैसला हो सकता है. इससे पहले लंबे इंतजार के बाद रिजर्व बैंक ने इसी साल फरवरी में रेपो रेट में कटौती की थी, जिससे लोन कुछ सस्ते हुए.