Home Breaking News Rahul Gandhi ने किया सेना का अपमान? High Court ने हाजिर होने का दिया आदेश

Rahul Gandhi ने किया सेना का अपमान? High Court ने हाजिर होने का दिया आदेश

सेना पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को हाईकोर्ट ने राहत देने से किया इंकार

By ION Bharat Desk
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हाईलाइट्स

  • सेना पर बयान देकर बुरे फंसे राहुल गांधी
  • राहुल को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश
  • हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया आदेश
  • कांग्रेस की राष्ट्रवाद बनाम विपक्ष की लड़ाई?

New Delhi: भारतीय राजनीति के केंद्र में एक बार फिर भूचाल आया है। जब लखनऊ हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारतीय सेना पर मानहानिकारक टिप्पणी करने के मामले में कोई राहत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को राहुल गांधी की उस याचिका को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा जारी समन और मानहानि की Complaint को चुनौती दी थी। इस फैसले ने न केवल राहुल गांधी के कानूनी संकट को गहरा किया है, बल्कि कांग्रेस पार्टी की सेना के प्रति ऐतिहासिक टिप्पणियों की पुरानी फाइलें भी फिर से खोल दी हैं।

क्या है राहुल गांधी के खिलाफ पूरा मामला?

यह पूरा मामला उस समय तूल पकड़ गया जब सीमा सड़क संगठन यानी BRO के Retiring Directors उदय शंकर श्रीवास्तव ने एक Complaint दायर कर राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह कहते हुए भारतीय सैनिकों का अपमान किया कि चीनी सैनिक हमारे सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं। श्रीवास्तव का दावा है कि यह बयान न केवल झूठा है बल्कि यह राष्ट्र की सशस्त्र सेनाओं के मनोबल को गिराने वाला और देशविरोधी तत्वों को ताकत देने वाला है। राहुल गांधी की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया था कि उन्हें लखनऊ तलब करने से पहले आरोपों की गंभीरता और प्रामाणिकता की जांच की जानी चाहिए थी और यह देखा जाना चाहिए था कि मामला ट्रायल योग्य भी है या नहीं। उनके वकीलों ने यह भी तर्क दिया कि राहुल गांधी लखनऊ के निवासी नहीं हैं इसलिए एमपी-एमएलए कोर्ट का समन आदेश अनुचित है। लेकिन हाईकोर्ट ने सभी दलीलों को नकारते हुए साफ शब्दों में कहा कि एमपी-एमएलए कोर्ट का आदेश कानूनी रूप से उचित है और इसमें किसी तरह के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। अब राहुल गांधी को बतौर आरोपी लखनऊ की अदालत में पेश होना पड़ेगा और यह मामला पूरी गंभीरता के साथ आगे बढ़ेगा।

सेना पर बार बार टिप्पणी करते हैं कांग्रेसी नेता!

कांग्रेस पार्टी और भारतीय सेना के बीच टकराव का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कांग्रेस नेताओं पर सेना के खिलाफ विवादास्पद बयान देने के आरोप लगते रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, 2012 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि सेना को सियासत से दूर रखना चाहिए, वरना यहां पाकिस्तान जैसी स्थिति बन जाएगी। वहीं 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने सबूत मांगकर सेना की कार्रवाई को कटघरे में खड़ा कर दिया था। राहुल गांधी ने उस समय प्रधानमंत्री को खून की दलाली करने वाला तक कह दिया था, जिसे लेकर जमकर सियासी बवाल हुआ था। इसके बाद 2019 में एयर स्ट्राइक पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए और पार्टी के कुछ नेताओं ने इसे राजनीतिक नौटंकी तक कह दिया। हर बार कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की, लेकिन इन बयानों से देश की सेना के मनोबल को गहरा आघात पहुंचा।

राहुल गांधी को मिलेगी सजा?

आज जब लखनऊ हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज की है, तो यह केवल एक कानूनी निर्णय नहीं है, बल्कि यह उन तमाम घटनाओं की पृष्ठभूमि में एक सख्त संदेश भी है, जो कांग्रेस और उसकी सेना-विरोधी छवि के बीच बार-बार सामने आती रही है। इस पूरे घटनाक्रम ने देशभर में बहस छेड़ दी है, क्या एक लोकतांत्रिक नेता को अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर सेना के खिलाफ कुछ भी कहने की छूट दी जा सकती है? क्या यह वक्त नहीं है जब भारत की राजनीतिक संस्कृति सेना के सम्मान को सर्वोपरि रखे? आने वाले दिनों में जैसे-जैसे यह मामला आगे बढ़ेगा, यह न केवल राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि भारतीय राजनीति में राष्ट्रवाद बनाम विपक्ष की लड़ाई को और तेज़ करेगा।

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