मारा गया ‘Father Of Taliban’ का बेटा! रमजान से पहले पाकिस्तान में बड़ी साजिश

जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, वह खुद एक दिन उसी गड्ढे में गिर जाता है। यह कहावत पाकिस्तान पर बिल्कुल सटीक बैठती है। आए दिन धमाके, बलास्ट और आतंकवाद की खबरों से सुर्खियों में रहने वाला पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवाद का शिकार हो गया है। इस बार निशाने पर है पाकिस्तान का सबसे प्रभावशाली और बड़ा मदरसा, जिसने कई बड़े आतंकवादियों को तैयार किया है।

क्या हुआ था?

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे में जुमे की नमाज के दौरान एक बड़ा सुसाइड अटैक हुआ। इस हमले में 16 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। यह मदरसा पाकिस्तान के सबसे बड़े और प्रभावशाली धार्मिक स्कूलों में से एक है, जहां हजारों छात्र पढ़ते हैं। इस मदरसे को अफगान तालिबान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे आतंकी संगठनों का समर्थक माना जाता है।

आतंकवाद की पाठशाला

दारुल उलूम हक्कानिया मदरसा कई सालों से आतंकवादी हिंसा का केंद्र रहा है। इसे ‘जिहाद का विश्वविद्यालय’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहां से कई बड़े आतंकवादी नेता निकले हैं। तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर और हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी जैसे कुख्यात आतंकवादियों ने इसी मदरसे से शिक्षा ली थी। यहां छात्रों को मुफ्त में खाना, कपड़े और शिक्षा दी जाती है, लेकिन उन्हें कट्टरपंथी विचारधारा से भर दिया जाता है।

पाकिस्तान का दोहरा चेहरा

पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। लेकिन अब वही आतंकवाद पाकिस्तान को ही अपनी चपेट में ले रहा है। पिछले साल पाकिस्तान में आतंकी हमलों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के अनुसार, पिछले साल पाकिस्तान में 1,600 से ज्यादा लोग आतंकी हमलों में मारे गए। यह आंकड़ा पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा है।

क्यों नहीं सुधरता पाकिस्तान?

पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने में अरबों रुपये खर्च करता है, लेकिन अपनी जनता की गरीबी और बदहाली को दूर करने के लिए कुछ नहीं करता। अगर यही पैसा पाकिस्तान अपने लोगों की बेहतरी पर खर्च करे, तो शायद उसे दूसरे देशों से कर्ज लेने की जरूरत न पड़े और न ही आए दिन बम धमाकों की खबरें सुनाई दें।

पाकिस्तान आतंकवाद की आग में झुलस रहा है, लेकिन उसकी हरकतों में कोई कमी नहीं आई है। जिस मदरसे ने दुनिया को आतंकवादी दिए, वही मदरसा अब आतंकवाद का शिकार हो गया है। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सबक है, लेकिन शायद वह इसे समझने को तैयार नहीं है।

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