दिल्ली में केजरीवाल का जादू खत्म
आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने गठन के बाद से ही “साफ राजनीति” और “जनता के वादों को पूरा करने” का दावा किया है। लेकिन आज स्थिति यह है कि दिल्ली से लेकर पंजाब तक, पार्टी अपने वादों को पूरा करने में नाकामयाब साबित हो रही है। दिल्ली में जनता ने AAP को करारी हार दी है, और अब पंजाब में भी पार्टी की साख डगमगा रही है।
दिल्ली की राजनीति में अरविंद केजरीवाल का जादू अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है। चुनावों में हार के बाद AAP की हालत खस्ता हो चुकी है। लेकिन केजरीवाल की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होतीं।
पंजाब में भगवंत मान सरकार की मुश्किलें
पंजाब में भगवंत मान की सरकार चल तो रही है, लेकिन बिना पैसे, बिना प्लान, और बिना किसी ठोस रणनीति के। AAP ने चुनावों के दौरान 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को 1,100 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था। लेकिन अब यह वादा पूरा करना सरकार के लिए मुश्किल होता जा रहा है।
गणित लगाएं तो इस योजना को लागू करने के लिए सरकार को लगभग 12,000 करोड़ रुपये की जरूरत है। लेकिन राज्य के पास इतने पैसे नहीं हैं। ऐसे में सरकार अब इस योजना में बदलाव करने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस योजना को सिर्फ गरीब महिलाओं तक सीमित करने पर विचार कर रही है।
वादे और हकीकत का फर्क
आम आदमी पार्टी ने चुनावों के दौरान कई बड़े वादे किए थे। लेकिन अब जनता को लग रहा है कि ये वादे सिर्फ वोट पाने के लिए किए गए थे। दिल्ली में तो AAP अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रही, और अब पंजाब में भी यही हाल है।
जिन महिलाओं ने AAP पर भरोसा किया और उनके वादों पर विश्वास करके उन्हें जीत दिलाई, अब वही महिलाएं निराश हैं। AAP अब अपने वादों से मुंह फेर रही है और नई चालबाजियों में लगी हुई है।
केजरीवाल की सत्ता की लत
अरविंद केजरीवाल को सत्ता की आदत हो चुकी है। AAP के गठन के बाद से ही केजरीवाल कभी विपक्ष में नहीं रहे। उन्हें हमेशा सत्ता का स्वाद मिला है। लेकिन अब दिल्ली में हार के बाद केजरीवाल की नजर पंजाब की कुर्सी पर है।
पंजाब में भगवंत मान सरकार को चलाना भी AAP के लिए आसान नहीं है। न तो उनके पास वादे पूरे करने के लिए पैसे हैं, और न ही कोई ठोस योजना। ऐसे में पंजाब में भी AAP की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।
क्या AAP का सफर खत्म होने की कगार पर है?
दिल्ली में हार के बाद AAP की स्थिति पहले से ही कमजोर हो चुकी है। अब पंजाब में भी पार्टी अपने वादों को पूरा करने में नाकामयाब साबित हो रही है। विपक्ष पहले से ही भगवंत मान सरकार को घेरने में जुटा है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या AAP का सफर खत्म होने की कगार पर है? क्या पंजाब में भी जनता का गुस्सा फूटेगा? ये देखना दिलचस्प होगा।