
Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग (Election Commission) ने चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार विधानसभा चुनाव दो से तीन चरणों (Phase) में कराए जा सकते हैं। खास बात ये है कि चुनाव की तारीखें दिवाली और छठ जैसे त्योहारों को ध्यान में रखकर तय की जाएंगी ताकि त्योहारों में मतदाताओं को कोई असुविधा न हो। साथ ही इस बार चुनाव आयोग ने voting percentage के आंकड़े पब्लिक करने के तरीके को अपग्रेड करने का बड़ा फैसला किया है।
चुनाव की तैयारियों में जुटा चुनाव आयोग
दरअसल , चुनाव आयोग बिहार चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा है। मुख्य चुनाव आयुक्त इसी महीने बिहार आएंगे। उम्मीद की जा रही है कि इस बार विधानसभा चुनाव दो से तीन चरणों में पूरे कराए जा सकते हैं। वहीं इससे पहले चुनाव आयोग अपने कर्मचारियों को training दे रहा है। आईए आपको बता देते है कि बिहार में इससे पहले कब-कब कितने-कितने चरणों में चुनाव करवाए गए हैं।
- बिहार में पिछली बार 2020 के विधानसभा चुनाव तीन चरणों में कराए गए थे।
- पहले चरण में 28 अक्टूबर 2020 को 71 सीटों पर मतदान हुआ था।
- दूसरे चरण में 3 नवंबर को 94 सीटों पर वोट डाले गए थे।
- तीसरे चरण में 7 नवंबर को 78 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था।
- इसके बाद 10 नवंबर 2020 को मतगणना कराई गई थी।
- 2015 के चुनाव पांच चरणों में चुनाव कराए गए थे।
बिहार में अपडेट की जाएगी मतदाता सूची
अहम बात ये है कि इस बार चुनाव आयोग महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जैसी मतदाता लिस्ट को लेकर आरोपों से बचने की कोशिश कर रहा है। इसीलिए बूथ लेवल ऑफिसर को भी training दिया जा चुका है। सभी BLO को पहचान पत्र दिए जाएंगे, ताकि वे घर-घर जाकर जांच कर सकें। इसके अलावा बिहार में मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए अभियान चलाया जाएगा, ताकि 18 साल की उम्र वाले युवाओं के नाम जोड़े जा सकें। खास बात ये है कि इस बार चुनाव आयोग बिहार में मतदाताओं को कई नई सुविधाएं मिलेंगी, जैसे…
- अब एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता होंगे जो पहले 1500 होते थे।
- घनी आबादी वाले इलाकों में ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे।
- अधिकतम दो किलोमीटर दूर होगा पोलिंस स्टेशन।
- हाई राइज बिल्डिंग्स में भी पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे।
- मतदान केंद्र के बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा होगी।
- वोटर स्लिप पर सीरियल और पार्ट नंबर बड़े और स्पष्ट अंकों में लिखे जाएंगे, ताकि पहचान में आसानी हो।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देगा चुनाव आयोग?
बड़ी बात ये है कि विपक्ष के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने इस बार कई सख्त कदम उठाए हैं। दरअसल, मतदान प्रतिशत के आंकड़े देर से आने से न केवल राजनीतिक दलों बल्कि आम मतदाताओं में भी भ्रम पैदा होता है। ये भ्रम कई बार गलत सूचनाओं को बढ़ावा देता है, जिससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। आयोग ने इससे निपटने के लिए ECINET ऐप आधारित प्रणाली को लागू करने का फैसला किया है। पहले की प्रणाली में पोलिंग स्टेशन से मतदान का डेटा सेक्टर ऑफिसर्स के जरिए फोन, SMS या मैसेजिंग ऐप्स के जरिए भेजा जाता था। ECINET ऐप के जरिए रियल-टाइम अपडेट और ऑफलाइन सुविधा से आयोग न सिर्फ मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में तकनीक की भूमिका को भी मजबूत करेगा। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते MISS USE को लेकर भी आयोग Active है। चुनाव आयोग में जल्द ही एक विशेष सेल का गठन किया जाएगा जो AI से जुड़े मुद्दों पर निगरानी रखेगा।