एक विशालकाय एस्टेरॉयड, जिसे 2024 YR4 नाम दिया गया है, धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है। नासा के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह एस्टेरॉयड 2032 में पृथ्वी से टकरा सकता है। इसका आकार लगभग 200 मीटर है, जो एक फुटबॉल स्टेडियम के बराबर है। अगर यह किसी बड़े शहर, जैसे मुंबई, से टकराता है, तो इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
क्या है खतरा?
नासा के अनुसार, इस एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की संभावना पहले 1.5% थी, लेकिन अब यह बढ़कर 2.6% हो गई है। यानी, खतरा हर साल बढ़ता जा रहा है। अगर यह एस्टेरॉयड धरती से टकराता है, तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है। इसके टकराने से जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 500 गुना ज्यादा तबाही हो सकती है।
क्या होगा अगर एस्टेरॉयड टकराए?
अगर यह एस्टेरॉयड किसी घनी आबादी वाले शहर, जैसे मुंबई, से टकराता है, तो पूरा शहर मलबे में तब्दील हो सकता है। अगर यह महासागर में गिरता है, तो सुनामी जैसी विशाल लहरें उठ सकती हैं, जो तटीय इलाकों को बर्बाद कर सकती हैं। नासा के अनुसार, इसके प्रभाव वाले क्षेत्र में मुंबई के अलावा प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक, अफ्रीका, अरब सागर और दक्षिण एशिया शामिल हैं।
क्या विज्ञान इसे रोक सकता है?
नासा और दुनिया भर के वैज्ञानिक इस एस्टेरॉयड को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। नासा ने अपने DART मिशन के तहत एस्टेरॉयड की दिशा बदलने की तकनीक विकसित की है। इसके तहत अंतरिक्ष में एक विशेष मिशन भेजा जाएगा, जो एस्टेरॉयड को धरती से दूर मोड़ने की कोशिश करेगा।
क्या है चुनौती?
हालांकि विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है, लेकिन एस्टेरॉयड को रोकना आसान नहीं है। अगर यह धरती से टकराता है, तो इसका असर करोड़ों लोगों की जिंदगी पर पड़ सकता है। मुंबई जैसे शहर, जहां की आबादी बहुत घनी है, इसकी जद में आ सकते हैं। ऐसे में, वैज्ञानिकों को इस खतरे को टालने के लिए और तेजी से काम करने की जरूरत है।
क्या है भविष्य?
सवाल यह है कि क्या 2032 वह साल होगा जब इंसानियत को अपने इतिहास का सबसे बड़ा संकट झेलना पड़ेगा? या फिर विज्ञान इस तबाही को टालने में सफल होगा? अभी तक इसका जवाब किसी के पास नहीं है। लेकिन एक बात तय है कि अगर यह एस्टेरॉयड धरती से टकराता है, तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।