आजकल की लाइफ स्टाइल के चलते हम कई तरह की परेशानियों में घिर जाते हैं. इसमें माइग्रेन या सिरदर्द भी शामिल है. बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी सिरदर्द जैसी समस्या का सामना करते हैं. देर रात तक पढ़ना या टीवी देखना, मोबाइल पर ज्यादा समय बिताना. फिर सुबह जल्दी उठ जाना, इससे नींद पूरी नहीं होती और कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होनी लगती हैं. योग एवं स्पिरिचुअल गुरु आचार्य प्रतिष्ठा बता रही हैं कि किस तरह सिरदर्द जैसी परेशानियों को आसानी से दूर किया जा सकता है.
आचार्य प्रतिष्ठा के अनुसार, कई ऐसे सरल अभ्यास हैं जो आप बैठे-बैठे कहीं पर भी कर सकते हैं. दिन में दो-तीन बार कर सकते हैं. सबसे पहला काम इन प्रैक्टिससेस को करने के लिए हम या तो वज्रासन की मुद्रा में बैठते हैं या चेयर पर कमर सीधी करके भी बैठ सकते हैं. यदि आपको सिरदर्द या माइग्रेन रहता है, तो पहली चीज जो आपको करनी है वो है गर्दन को पीछे की तरफ ले जाना और छोड़ देना. थोड़ी देर ऐसे ढीला छोड़ दीजिए. फिर गर्दन आगे लाना और यहां भी ढीला छोड़ देना. 10 बार इसे रिपीट कर लीजिए.
इसके बाद गर्दन को ट्विस्ट करना है, मतलब लेफ्ट और राइट. जितनी दूर आप देख सकते हैं, देखने की कोशिश कीजिये. ऐसा भी 10 बार करना है. इस दौरान, सामान्य ढंग से सांस लेते रहें. सिर्फ फोकस हमें गर्दन पर रखना है. अगला स्टेप है गर्दन को धीरे से आगे झुकाकर सर्किल बनाना. जितना मूवमेंट स्लो होगा उतना आपको लाभ होगा. इसे करते हुए आपको खुद फर्क महसूस होगा. आखिरी में हमें एक बहुत आसान सा काम करना है. इसको कहते हैं आनंद मदिरा आसन. यानी हाथों से एंकल्स को पकड़ लीजिए. फिंगर्स बाहर की तरफ रहेंगी और अंगूठा अंदर रहेगा और गर्दन को पीछे ढीला छोड़ दीजिए. इस दौरान, जो भी विचार आता है, उसे आने दें. कुछ देर ऐसे ही रुकें फिर गर्दन को अपने स्थान पर वापस ले आयें.
यह करते ही आप इंस्टेंट रिलैक्सेशन मोड में आ जाएंगे. अब बैठे-बैठे हाथों को सामने टिका दीजिए. इस दौरान, कमर बिल्कुल सीधी रखनी है. ऐसे ही कुछ देर रुके रहिये. आपको गर्दन के पीछे और हेड पर रिलैक्सेशन फील होगा और आगे जाएंगे और अपने हिप्स को उठा लेंगे और अपने चेस्ट को जमीन से टिकाना और चिन को भी जमीन से लगाना हिप्स उठे रहेंगे, पीछे धीरे-धीरे से अपने आसन में बैठ जाना. यह सब लोग कर सकते हैं. जब आप इसका अभ्यास करेंगे तो आप देखेंगे आपको हेडेक में इंस्टेंट रिलैक्सेशन महसूस होगा. यह बहुत आसान प्रैक्टिस है.
अंत में बेहद महत्वपूर्ण बात, मोबाइल आदि देखते समय गर्दन झुकी नहीं होनी चाहिए. अगर इस तरह से आप 5 मिनट्स भी रहते हैं. तो यह ऐसा है जैसे कि 500 kg का वेट आपकी गर्दन और सिर पर किसी ने रख दिया है. जब ये स्ट्रेन गर्दन पर पड़ता है इसका इफेक्ट नीचे स्पाइन पर भी जाता है, ऊपर खोपड़ी पर भी जाता है. इसलिए मोबाइल को ठीक सामने करते हुए देखना चाहिए, नीचे गर्दन झुकाकर नहीं. आजकल अच्छे-अच्छे इक्विपमेंट्स आते हैं. आपको मोबाइल हाथ में पकड़ने की भी जरूरत नहीं है. उसको स्टैंड पे लगा दीजिए, फिर देख लीजिए. तो अपनी गर्दन की मुद्रा आपको ठीक करनी है, ताकि सिर तक दर्द ना जाए. अगर आप कोई ऑनलाइन क्लास ज्वाइन करते हैं तो उसमें भी यह गलतियां होती हैं. इस दौरान भी लैपटॉप सामने ही होना चाहिए. कहने का मतलब है कि आपके आई लेवल पर स्क्रीन होनी चाहिए.
और आखिरी में हँसना बेहद ज़रूरी है. अगर आपको सिरदर्द है, माइग्रेन है, तो दोनों हाथों को खोलिए, पेट को ढीला छोड़िए और मुक्तहास 30 सेकंड तक करिए.