Home Business Explainer: सोना या शेयर बाजार, अब कहां पैसा लगाना है समझदारी, क्या कह रहे आंकड़े?

Explainer: सोना या शेयर बाजार, अब कहां पैसा लगाना है समझदारी, क्या कह रहे आंकड़े?

By ION Bharat

सोने की कीमतों में बीते कुछ दिनों से गिरावट देखने को मिल रही है. जबकि शेयर बाजार पुरानी लय में लौटता दिखाई दे रहा है. भारत-पाकिस्तान युद्धविराम की घोषणा के बाद मार्केट रॉकेट की तरह से भागा. हालांकि, बाद में उसमें कुछ नरमी भी आई, लेकिन वो किसी नेगेटिव सेंटीमेंट का संकेत नहीं था, बल्कि मुनाफावसूली की वजह से ऐसा हुआ. अक्सर जब मार्केट बड़ी छलांग लगाता है, तो निवेशक अपना पोर्टफोलियो कुछ हल्का करके प्रॉफिट बुकिंग करते हैं. यह एक सामान्य प्रक्रिया है. ऐसे में अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि पैसा कहां लगाया जाए. गोल्ड में रिटर्न ज्यादा आएगा या स्टॉक मार्केट में कमाई अधिक हो सकती है?

ऐसा रहा गोल्ड का प्रदर्शन
गोल्ड हमेशा से अपने शानदार रिटर्न के लिए पहचाना जाता है. 2005 से सोने ने लगभग हर साल औसतन 20 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. केवल 3 बार ऐसा हुआ है जब सोने का रिटर्न नेगेटिव रहा. 2023 में यह 18% नीचे आया, 2015 में 8% और 2021 में इसमें करीब 2% की गिरावट दर्ज हुई. पिछले साल गोल्ड का रिटर्न 25% के आसपास रहा था, जबकि 2025 के पहले चार महीनों में ही इसने करीब 30% रिटर्न अपने निवेशकों को दे दिया. हालांकि, तेजी से दौड़ने के बाद गोल्ड अब कुछ हांफता दिखाई दे रहा है. बीते कुछ दिनों में गोल्ड प्राइस नीचे आए हैं. पिछले महीने सोना 1 लाख रुपये की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया था. लेकिन एक ही दिन में इस ऊंचाई से फिसल गया. फिलहाल गुड रिटर्न्स के अनुसार, 24 कैरेट वाला 10 ग्राम सोना 95,140 रुपये पर मिल रहा है.

ऐसा रहा मार्केट का प्रदर्शन
वहीं, शेयर मार्केट की बात करें, तो सेंसेक्स बीते पांच सत्रों में 524.27 और पिछले एक महीने में 3,777.39 पॉइंट्स चढ़ा है. निफ्टी के लिए यह आंकड़ा क्रमश: 425.75 और 1,168.15 पॉइंट्स रहा है. कल यानी शुक्रवार को ज़रूर दोनों इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए. लेकिन गिरावट इतनी बड़ी नहीं है कि निवेशकों को चिंता में डाल दे. मार्केट में पॉजिटिव मोमेंटम डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ में मिली राहत के बाद से शुरू हो गया था. इससे पहले, मार्केट लगातार पांच महीनों तक दबाव में रहा और गिरावट के मामले में निफ्टी ने कुछ रिकॉर्ड भी तोड़ डाले. अब यदि पिछले कुछ सत्रों पर गौर करें, तो संकेत मिलता है कि मार्केट पुरानी चाल पकड़ने की स्थिति में पहुंच रहा है.

सोने में नरमी की उम्मीद
सोने के इस साल रिकॉर्ड छलांग की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से मची उथल-पुथल और चीन के साथ यूएस का टकराव था. आमतौर पर जब भी युद्ध या दुनिया को विचलित करने वाली घटनाएं होती हैं, गोल्ड में निवेश बढ़ जाता है. क्योंकि यह सबसे सुरक्षित निवेश की कैटेगरी में टॉप पर है. जब निवेश बढ़ता है, तो डिमांड सप्लाई का अंतर भी बढ़ता है और इससे कीमतों को बूस्ट मिलता है. टैरिफ के मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप अब पूरी तरह नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं. यूएस-चीन गतिरोध भी लगभग खत्म हो गया है. ऐसे में सोने की कीमतों में नरमी की संभावना अधिक नजर आती है. कुछ कमोडिटी एक्सपर्ट्स पहले से कहते आ रहे हैं कि अगर यूएस-चीन के बीच हालात सामान्य हुए, तो सोना अगले 6 महीनों में 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर भी पहुंच सकता है. ऐसे में गोल्ड के रॉकेट की तरह दौड़ने की उम्मीद कुछ कम है.

मार्केट के अच्छे दिन शुरू
शेयर मार्केट के लिए समय अब अनुकूल नजर आ रहा है. भारत-पाकिस्तान में युद्धविराम हो गया है. अगर दोनों देशों के बीच स्थिति बिगड़ती तो मार्केट को नुकसान उठाना पड़ सकता था. कारगिल युद्ध के समय बाजार करीब 15% लुढ़क गया था. इसके अलावा, टैरिफ विवाद भी अब सुलझ गया है, जिसने मार्केट को बड़ी चोट पहुंचाई है. माना जा रहा था कि अगर अमेरिका और चीन के बीच गतिरोध जल्द खत्म नहीं होता, तो दुनिया की इन दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टकराव से विश्व के बाकी बाजार भी प्रभावित हो सकते हैं. फिलहाल इसकी कोई आशंका नहीं है. स्टॉक मार्केट के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि विदेशी निवेशक लौट आए हैं और खरीदारी पर जोर दे रहे हैं. NSE का डेटा बताता है कि शुक्रवार को उन्होंने ने कैश में 8,831.05 करोड़ रुपये की खरीदारी की है. यहां से देखें तो मार्केट अच्छे दिनों की शुरुआत हो चुकी है.

क्या करना चाहिए?
एक्सपर्ट्स की मानें तो फिलहाल स्टॉक मार्केट ज्यादा अच्छा नजर आ रहा है. घरेलू स्तर पर फंडामेंटल मजबूत हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कोई परेशानी बढ़ाने वाली बात नहीं है. इसके उलट गोल्ड को नरमी देने वाले कारण उत्पन्न हो गए हैं. उनका सुझाव है कि यदि पोर्टफोलियो में गोल्ड की होल्डिंग 20-25% से ज्यादा है, तो प्रॉफिट बुकिंग अच्छी रणनीति रहेगी. उनके अनुसार, शेयर मार्केट भले ही गोल्ड जैसी बड़ी छलांग न लगाए, मगर वह धीरे-धीरे मजबूती हासिल करने की पोजीशन में पहुंच गया है.

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