Home Breaking News Health Guru: फायदे की खान है त्रिफला, लेकिन इन बातों का ज्ञान भी है बेहद जरूरी

Health Guru: फायदे की खान है त्रिफला, लेकिन इन बातों का ज्ञान भी है बेहद जरूरी

By ION

त्रिफला एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसके कई लाभ हैं. लेकिन इसके अधिक सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. हेल्थ एंड फिटनेस एक्सपर्ट डॉ दिनेश कपूर आज त्रिफला के लाभ और नुकसान दोनों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं. त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो तीन फलों से मिलकर बनाई जाती है. इसमें आंवला हरीतकी या हरड़ और बिभीतकी या बहेड़ा का मिश्रण होता है. त्रिफला सिर के बाल से लेकर पैर के नाखून तक के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं. हम सबसे पहले फायदे की बात करेंगे.

आंखों के लिए
आंखों की रोशनी के लिए त्रिफला के कई फायदे हैं. यह ग्लूकोमा और मोतियाबिंद की बीमारियों के लक्षणों को कम करता है. आंखों की रोशनी बढ़ाने में बहुत ही मददगार. त्रिफला घृत नाम की आयुर्वेदिक दवा आंखों की सबसे अच्छी दवाओं में से एक मानी जाती है.

चर्म रोग दूर करता है
चर्म रोग यानी Skin Disease से संबंधित सभी समस्याओं में भी त्रिफला चूर्ण के फायदे मिलते हैं. खाज, खुजली, दाद, फोड़े-फुंसी ठीक करने के लिए 6 से 8 ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से लाभ होता है.

मुंह की समस्या
मुंह से संबंधित समस्या में त्रिफला रामबाण माना जाता है. एक ग्लास पानी में एक चम्मच त्रिफला को दो घंटे तक भिगो दें. एक घूंट पानी मुंह में लें और थोड़ी देर मुंह में घुमाएं और थूक दें. इससे मुंह से संबंधित समस्याएं दूर होंगी.

कब्ज के लिए
स्वस्थ और साफ आंत पूरे शरीर को ठीक रखने के लिए बहुत ज़रूरी है. त्रिफला मल त्याग को नियमित और आसान बनाता है. शरीर की आंतों की मांसपेशियों को मजबूत भी करता है. त्रिफला का नियमित सेवन करने से पेट फूलना, कब्ज और पेट दर्द को कम किया जा सकता है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला होता है. यदि शरीर कमजोर है, तो इसका सेवन करें, इससे शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलेगी. इसके अलावा, एक शोध के अनुसार त्रिफला के एथेनॉलिक अर्क HIV के मरीजों में बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं को खत्म करते हैं.

दांतों के स्वास्थ्य के लिए
त्रिफला में पाए जाने वाले एंटी Inflammatory, Antioxidant और रोगाणुरोधी प्रभाव दातों की समस्या को कम करते हैं.

गठिया के खिलाफ कारगर
यह औषधि एक एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी है. इसके यह गुण गठिया से संबंधित लक्षणों को कम करते हैं.

ब्लड प्रेशर में मददगार
त्रिफला का सेवन किया जाये तो सूजन को कम करने में मदद मिलती है और ब्लड प्रेशर सामान्य बनाए रखता है.

गैस्ट्रिक छालों में राहत
पेट का एसिड वातावरण खराब होने पर पेट में जलन होने लगती है, इससे गैस्ट्रिक छालें हो जाते हैं. त्रिफला में जो तीन एंजाइम होते हैं वह इसमें सुधार करते हैं. त्रिफला गैस्ट्रिक छालों में आराम पहुंचाती है.

कैंसर विरोधी गुण
त्रिफला कई तरह के कैंसर लक्षणों को कम करता है. यह शरीर में कोलन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है और कैंसर कोशिकाओं को खत्म करता है. त्रिफला शरीर की सामान्य कोशिकाओं को इफ़ेक्ट नहीं करता और उन्हें प्रभावित किये बिना कैंसर कोशिकाओं को मारता है.

मूत्र मार्ग के संक्रमण को रोकने में
शरीर में ऐसे बैक्टीरिया होते हैं, जिन्हें खत्म करने के लिए दवाई भी काम नहीं आती. मूत्र मार्ग में हुए इंफेक्शन बैक्टीरिया की वजह से हो जाते हैं. इससे ब्लैडर में सूजन भी आ जाती है. अगर आप त्रिफला का सेवन करते हैं तो इस तरह के बैक्टीरिया मर जाते हैं.

त्रिफला चूर्ण के नुकसान
जैसे त्रिफला के अनगिनत फायदे हैं. उसी तरह इसके कुछ नुकसान भी हैं. त्रिफला एक Natural Laxative है. इसके अधिक सेवन से दस्त और पेचिश हो सकती है. बच्चों को त्रिफला देने से बचना चाहिए. बहुत से लोगों को त्रिफला लेने के बाद नींद नहीं आती है. गर्भवती महिलाएं किसी भी रूप में त्रिफला का सेवन ना करें.

त्रिफला चूर्ण कैसे लें ?
रात में आधा या एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लें. अब इसे मुंह में रखकर ऊपर से गुनगुना पानी पी लें. यह उपाय रात को सोने से पहले करें. त्रिफला के सेवन के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श लेना बेहतर है.

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