आमतौर पर जब लोग किसी काम से घर से बाहर निकलते हैं, तो अपने कपड़ों का खास ख्याल रखते हैं. किसी दूसरे शहर या देश जाने की बात हो तो पहनावा और भी ज्यादा आकर्षक हो जाता है. लेकिन बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद लुंगी में ही देश छोड़ गए. इससे समझा जा सकता है कि हामिद के लिए देश से तुरंत निकलना इतना ज़रूरी हो गया था कि उन्हें अपने कपड़े बदलने तक का ख्याल नहीं आया. पूर्व राष्ट्रपति मौजूदा सरकार के नींद से जगने से पहले ही मुल्क छोड़कर निकल गए.
देर से खुली सरकार की नींद
बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद 8 मई की सुबह 3 बजे खामोशी से मुल्क छोड़कर थाईलैंड के लिए रवाना हो गए. वे ढाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से थाई एयरवेज की फ्लाइट पर सवार हुए और मौजूदा सरकार के लिए कई सवाल पीछे छोड़ गए. देश छोड़ते समय हामिद लुंगी पहने हुए थे और व्हीलचेयर पर बैठकर एयरपोर्ट आए थे. जब अंतरिम सरकार की नींद खुली और उसे पता चला कि पूर्व राष्ट्रपति मुल्क से जा चुके हैं, तो बवाल मच गया. नजर सरकार ने कुछ अधिकारियों को सस्पेंड, कुछ का ट्रांसफर किया और एक उच्च स्तरीय जांच बैठा दी.
पूर्व राष्ट्रपति क्या हैं आरोप?
दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति हामिद उन लोगों में शामिल हैं, जिन पर पिछले साल शेख हसीना विरोधी आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आरोप है. इस मामले में जांच चल रही है. अब्दुल हामिद 2013 से 2023 तक, दो बार बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे. 2024 में आंदोलन के दौरान शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ दर्ज हत्या के एक मामले में उन्हें सह-आरोपी बनाया गया है. बताया जा रहा है कि हामिद को आभास हो गया था कि फैसला उनके खिलाफ आ सकता है. ऐसे में उन्होंने मुल्क छोड़कर भागने में ही भलाई समझी.
हामिद के नाम है रिकॉर्ड
पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद ने 1969 में अवामी लीग से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और एक साल बाद मेमनसिंह-18 निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए. अपनी सादगी और अनोखे भाषणों के लिए पहचाने जाने वाले हामिद को देश के इतिहास में एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति होने का गौरव भी प्राप्त है, जिन्होंने 2013 से 2023 तक लगातार दो पांच-वर्षीय कार्यकाल पूरे किए हैं. हामिद के मुश्किल दिनों की शुरुआत तब हुई जब पिछले साल शेख हसीना सरकार के खिलाफ बगावत शुरू हुई. हसीना किसी तरह मुल्क छोड़कर भागने में कामयाब रहीं, लेकिन हामिद वहीं रह गए. बाद में 81 साल के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ किशोरगंज सदर पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज करवाया गया. इस मामले में शेख हसीना और उनके परिवार के सदस्य शेख रेहाना, सजीब वाजेद जॉय और साइमा वाजेद पुतुल भी सह-आरोपी हैं. इनके अलावा, पूर्व मंत्री ओबैदुल कादर भी इस मामले में आरोपी हैं.

बेटा और साला भी साथ गए
पूर्व राष्ट्रपति 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए भी जांच के दायरे में हैं. गुस्साई भीड़ ने उनके घर को भी ध्वस्त कर दिया था. हामिद के साथ उनके बेटे रियाद अहमद और साले नौशाद खान भी थाईलैंड गए हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार, हामिद का कहना है कि वह इलाज के लिए बांग्लादेश से गए हैं, लेकिन उनके राजनीतिक विरोधियों का कहना है कि वह मुकदमे से बचने के लिए भाग गए हैं. एयरपोर्ट अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हामिद गुरुवार को सुबह करीब 3:05 बजे थाई एयरवेज की फ्लाइट टीजी 340 में सवार हुए और बैंकॉक पहुंच गए. हामिद व्हीलचेयर पर थे और उन्होंने लुंगी पहन रखी थी.
एयरपोर्ट पर क्यों नहीं रोका?
पूर्व प्रेसिडेंट के खिलाफ जब केस चल रहा है, तो उन्हें मुल्क छोड़ने की इजाजत कैसे मिल गई? इस पर हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने ढाका पोस्ट को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 34 और 102 के अनुसार, किसी भी बांग्लादेशी नागरिक को तब तक यात्रा करने से नहीं रोका जा सकता जब तक कि अदालत की ओर से कोई विशेष प्रतिबंध न हो. हमें उन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई निर्देश नहीं मिले हैं. किसी भी मामले में उन्हें हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की ओर से कोई अनुरोध या आवेदन नहीं किया गया था. इसलिए उन्हें रोकने का कोई कारण ही नहीं था. वहीं, मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने मामले की जांच के लिए शिक्षा सलाहकार सीआर अबरार के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है.
क्या दूसरे नेता भी भागे?
हामिद की तरह कई अवामी लीग नेता भी बांग्लादेश छोड़कर जा चुके हैं. पिछले साल हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद, पार्टी के कई नेता और सदस्य देश छोड़कर भाग गए थे. अप्रैल की शुरुआत में, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार महफूज आलम ने दावा किया कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग के एक लाख से अधिक सदस्य भारत भाग गए हैं. बांग्लादेश से भागने की कोशिश करने वाले कई अवामी लीग नेताओं में हसीना के कानून मंत्री अनीसुल हक और निजी उद्योग और निवेश सलाहकार सलमान एफ रहमान शामिल थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने 13 अगस्त को आम ग्रामीणों के वेश में नाव से ढाका से भागने की कोशिश की, लेकिन आम नागरिकों ने उन्हें पहचान लिया और पुलिस को सौंप दिया.