अनीता आनंद कनाडाई राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम हैं. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अपनी कैबिनेट में फेरबदल करते हुए आनंद को विदेश मंत्री नियुक्त किया है. कनाडाई कैबिनेट में आधी महिलाएं हैं, जिनमें से अनीता आनंद सबसे महत्वपूर्ण पदों में से एक पर विराजमान हैं. भारतीय मूल की अनीता ने मेलानी जोली की जगह ली है, जिन्हें उद्योग मंत्री नियुक्त किया गया है.
अनीता ने जताई खुशी
अनीता आनंद ने मंगलवार को गीता पर हाथ रखकर कनाडा के नए विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली. वह कनाडा की विदेश मंत्री बनने वाली पहली हिंदू महिला हैं. 57 वर्षीय अनीता ने शपथ लेने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए लिखा – यह मेरे लिए सम्मान की बात है. मैं प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और हमारी टीम के साथ मिलकर एक सुरक्षित, निष्पक्ष दुनिया बनाने और कनाडाई लोगों के लिए काम करने को लेकर उत्सुक हूं.
इस बार चुनौती बड़ी
पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अनीता आनंद लिबरल पार्टी की समान संभालने के साथ ही प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल थीं, लेकिन जनवरी में उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया. उन्होंने यह भी कहा था कि वह फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगी और शिक्षा जगत में वापस लौट जाएंगी. हालांकि, कार्नी ने उन्हें अपना फैसला बदलने के लिए राजी कर लिया. पिछले महीने हुए चुनाव में फिर से चुने जाने के बाद, वह अब विदेश मामलों के पोर्टफोलियो के साथ कैबिनेट में वापस आ गई हैं. अमेरिका के साथ चल रहे तनाव और भारत के साथ अस्थिर संबंधों के बीच, यह आनंद की अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिका हो सकती है. हालांकि, वह पहले भी कनाडा सरकार में काम कर चुकी हैं.
कई अहम पद संभाले
दिसंबर 2024 में, आनंद को परिवहन मंत्री नियुक्त किया गया, जो एक महत्वपूर्ण भूमिका थी. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने शहरी भीड़भाड़ और जलवायु परिवर्तन जैसी प्रासंगिक चुनौतियों के समाधान की तलाश करते हुए देश की परिवहन प्रणाली की दक्षता और स्थिरता में सुधार करने पर काम किया. इसके साथ ही आनंद ने ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. वह रक्षा मंत्रालय भी संभाल चुकी हैं. भारतीय मूल की इस नेता ने 2019 में राजनीति में कदम रखा था. आनंद लैंगिक समानता, विविधता, समावेशिता, LGBTQ+ अधिकारों और सामाजिक न्याय के बारे में मुखर रही हैं.
भारत से है ये नाता
अनीता आनंद का जन्म 20 मई 1967 को कनाडा के केंटविले में हुआ था. उनके माता-पिता, दोनों भारत में डॉक्टर थे और 1960 के दशक की शुरुआत में कनाडा चले गए थे. उनकी मां पंजाब और पिता तमिलनाडु से हैं. आनंद के दादा वीए सुंदरम एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जो भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा रहे. उनकी दो बहनें गीता और सोनिया हैं. गीता आनंद, एक एम्प्लॉयमेंट लॉयर हैं और सोनिया आनंद मैकमास्टर विश्वविद्यालय में फिजिशियन और शोधकर्ता हैं.
प्यार और फिर शादी
अनीता ने कानून में स्नातक और मास्टर डिग्री हासिल की है. 1995 में उन्होंने कनाडाई वकील और बिजनेस एग्जीक्यूटिव जॉन नॉल्टन से शादी की. दोनों की मुलाकात करीब 30 साल पहले टोरंटो में हुई थी. दोनों एक ही लॉ फर्म से जुड़े हुए थे. एक दिन जब अनीता आनंद की कार खराब हो गई, तो नॉल्टन ने उनकी मदद की थी. इस तरह, दोनों एक-दूसरे के करीब आए और शादी करके हमेशा के लिए रिश्ता जोड़ लिया. उनके चार बच्चे हैं. अनीता 2019 में कनाडा के संघीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाली पहली हिंदू बनीं थीं.