संभल में होगा कल्कि अवतार! 46 साल बाद हुआ ये चमत्कार, देखने टूट पड़े लोग!

संभल, एक ऐसा शहर जो अपने गौरवशाली इतिहास, धार्मिक महत्व और भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, यह वह पवित्र भूमि है जहाँ भगवान विष्णु का दसवाँ अवतार, कल्कि अवतार, प्रकट होगा। लेकिन हाल के दिनों में यह शहर हिंसा और सामाजिक तनाव के कारण चर्चा में रहा है। क्या यह हिंसा धार्मिक आस्थाओं को दबाने की कोशिश है? क्या यह समय हिंदू समाज के लिए एकजुट होकर अपनी आस्थाओं की रक्षा करने का है? आइए, संभल की सच्चाई को समझते हैं।

संभल में हाल की घटनाएं

पिछले कुछ समय से संभल में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। हाल ही में, शाही जामा मस्जिद के सामने और कार्तिकेय महादेव मंदिर के पास पुलिस चौकी बनाने की योजना शुरू की गई है। इस कदम से स्थानीय हिंदू समुदाय में सुरक्षा को लेकर शांति का माहौल बना है। संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल के बाद, पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। मस्जिद के सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण शुरू हो चुका है और सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मोहल्ले में 46 साल बंद रहे कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खोलने के बाद 24 घंटे पुलिस पहरा सुनिश्चित किया गया है। इन पहलों से स्थानीय लोगों में सुरक्षा की उम्मीद बढ़ी है और अपराधों में कमी की आशा जताई गयी।

हिंसा के पीछे की सच्चाई: क्या है राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट?

संभल में हिंसा के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं। कभी रानी की पूरी बाबड़ी मिल गयी तो दूसरी तरफ चंदौसी-संभल में सुरंग मिलना और संभल में बार-बार भगवान कल्कि के आने के संकेत मिलना। लेकिन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने पिछले वर्ष 24 नवंबर को संभल स्थित जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और कहा कि आयोग का काम होता है कि जहां भी कोई सांप्रदायिक घटना हुई है, मौके पर जाकर पड़ताल करें ताकि भविष्य में ये घटनाएं न हों। इसके बारे में सरकार को सतर्क किया जाए या उसे सिफारिश भेजी जाए।

आपको बता दें कि 24 नवंबर को संभल के कोट गर्वी मोहल्ले में शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान गोली चलने से चार लोगों की मौत हो गयी थी तथा बड़ी संख्या में अन्य लोग जख्मी हुए थे। अब यह साफ हो चुका है कि यह घटना सिर्फ एक समुदाय ने भड़काई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिंसा के पीछे व्यक्तिगत या राजनीतिक वजहें हो सकती हैं, लेकिन इसे सांप्रदायिक रंग देना सही नहीं होगा।

क्या संभल की घटनाएं भविष्यवाणियों की ओर संकेत कर रही हैं?

संभल में बढ़ती घटनाएं, हिंदू आस्थाओं पर हो रहे हमले और अधर्म की बढ़ती शक्ति, क्या ये सब उस भविष्यवाणी की ओर संकेत नहीं करते, जो शास्त्रों में दर्ज है? पुराणों में कहा गया है कि जब अधर्म अपने चरम पर होगा, जब सत्य और धर्म पर संकट मंडराएगा, तब भगवान विष्णु अपने कल्कि अवतार में प्रकट होंगे। वे इस धरती से पापियों और अधर्मियों का नाश करेंगे, कलियुग का अंत करेंगे, और सनातन धर्म की पुनः स्थापना करेंगे।

क्या यह समय आ चुका है? क्या हिंदू समाज को अब अपने आराध्य के स्वागत के लिए तैयार रहना चाहिए? क्या यह संकेत हैं कि भगवान कल्कि का आगमन निकट है?

Related posts

कौन ले जाएगा ‘सुधीर चौधरी के 9PM’ का आडियंस, सबके अपने प्रयोग-सबके निराले ढंग

राम मंदिर के लिए सत्ता छोड़ने को तैयार हैं सीएम योगी

बॉलीवुड की रानी से सियासत की रणनीति तक: जयाप्रदा की कानूनी जंग का सिलसिला!